सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवक ने दे दी जान, पूर्व सभापति के इशारे पर पुलिस करती थी परेशान, चोपाई के साथ लिखा रुला देने वाला 2 पन्नों का नोट
आज है उठावणा
शोक-पत्रिका में लिखा है कि ‘योग लिखी गांव बदनोर से कुम्हार जगदीश का राम-राम बचावसी। अपरच अठे मेरी कुपुत्री विमला कुमारी की मृत्यु हो गई है। सो जिसका 9 दिन का उठावणा मिति मंगसर सुदी ग्यारस बुधवार, दि. 11.12.2024 को रखा है। सो पधारसी। भूल-चूक, माफ करावसी। विक्रम सं. 2081 का।
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मां-बाप को पहचानने से किया इंकार
लव मैरिज के बाद बेटी के परिजन उसे घर वापस ले जाने के लिए भी गए लेकिन बेटी ने घर जाने से इंकार कर दिया। जब पुलिस आई तो विमला ने माता-पिता को पहचानने से भी इंकार कर दिया। इस बात से पिता को ज्यादा गहरा आघात लगा और घर आकर उन्होंने बेटी को मरा घोषित करके शोक-पत्रिका छपवा दी। वह बेटी को टीचर बनाना चाहते थे और बीए कराने के बाद बीएड की डिग्री के लिए एडमिशन भी दिला दिया था।