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भरतपुर

कार और बाइक के जमाने में पुलिसकर्मियों अब भी मिलता है सिर्फ 5 रुपए साइकिल भत्ता, 2 टाइम खाने के मिलते हैं 73 रुपए

Police Food And Travelling Allowance: सरकार की ओर से पुलिसकर्मियों को एक माह का 2200 रुपए मैस भत्ता दिया जाता है। इस लिहाज से एक दिन के 73.33 पैसे होते हैं। वहीं साइकिल के 150 रुपए मिलते हैं।

भरतपुरApr 08, 2025 / 03:26 pm

Akshita Deora

rajasthan police

प्रतीकात्मक तस्वीर

Rajasthan Police: भले ही आपको पुलिसकर्मी सरकारी गाड़ी या मोटरसाइकिलों पर नजर आएं, लेकिन अचरच की बात यह है कि इन्हें आजादी के समय से अभी भी साइकिल भत्ता दिया जा रहा है। यह भत्ता महज 150 रुपए प्रतिमाह होता है। यानि 5 रुपए रोज, जबकि कई मर्तबा करीब 150 रुपए की पेट्रोल बाइक से एक ही दिन में फुंक जाती है। इससे भी बड़े ताज्जुब की बात यह है कि पुलिसकर्मियों को एक समय का खाने का भत्ता महज 36.665 रुपए मिलता है, जबकि बाजार में एक समय का भोजन 60 या 70 रुपए से कम नहीं है। पुलिसकर्मियों को एक दिन मैस भत्ता 73.33 रुपए है। सरकार की ओर से पुलिसकर्मियों को एक माह का 2200 रुपए मैस भत्ता दिया जाता है। इस लिहाज से एक दिन के 73.33 पैसे होते हैं। वहीं साइकिल के 150 रुपए मिलते हैं।
यानि एक दिन के 5 रुपए। पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि अन्नपूर्णा रसोई को छोड़ दिया जाए तो किसी भी रेस्टोरेन्ट पर दो टाइम का खाना 73.33 रुपए में नहीं मिलता। टिफिन सेंटर की बात छोड़ दी जाएं तो शहर में अमूमन होटल पर थाली के दाम 70 से लेकर 250 रुपए तक हैं। सबसे कम कीमत की नियमित थाली थाली 70, 100, 150, 180 एवं 200 रुपए तक की है। यूं तो थानों में मैस होती है, लेकिन बीट के कार्य, जांच, कोर्ट व अन्य कार्यों से बाहर रहने वाले पुलिसकर्मियों को खाना खाने के लिए जेब से पैसा खर्च करना पड़ता है।
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इसलिए झेलनी पड़ती है दिक्कत

पुलिस विभाग में हैड कांस्टेबल व कांस्टेबल पर भी जांच का जिम्मा है। साथ ही वह घटना होने तथा एविडेन्स के लिए थानों अपने-अपने क्षेत्र में जाते हैं। उन्हें कई बार कोर्ट भी जाना होता है। वर्तमान में साइकिल प्रचलन में नहीं है और प्रासंगिक भी नहीं है। ऐसे में अधिकांश काम बाइक पर ही होता है। कई बार पुलिसकर्मियों को शहर से बाहर आसपास के गांवों या अन्य काम से बाहर भी जाना पड़ता है। ऐसे में आज के समय 150 रुपए का भत्ता बेतुका ही लगता है।

हाल ही उठी मांग, गृह विभाग ने नहीं माना प्रस्ताव

गृह विभाग ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि वर्तमान में पुलिस कांस्टेबल के मैस एवं वर्दी भत्ते में वृद्धि किया जाना प्रस्तावित नहीं है। वहीं पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अन्य राज्यों की तर्ज पर पुलिसकर्मियों को भी हार्ड ड्यूटी अलाउंस के अतिरिक्त 5 हजार रुपए मासिक रिस्क अलाउंस देने के बारे में भी कोई प्रस्ताव नहीं है। हाल ही में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कुछ पुलिसकर्मियों ने इस बार होली नहीं खेली थी। हालांकि जोखिम ड्यूटी के आधार पर राजस्थान पुलिस की एसीबी, एटीएस एवं विशेष शाखा को सातवें वेतन के अनुसार मूल वेतन का 12 प्रतिशत, एसएसडब्ल्यू विंग को 15 प्रतिशत तथा एसओजी को छठवें वेतन के अनुसार मूल वेतन का 10 प्रतिशत देय है।

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