प्रदेश के सरकारी स्कूल में शिक्षा विभाग ने अगस्त से सितंबर तक पेपर लैस डिजिटल मेडिकल सर्वे कराया था। इससे ऐसे विद्यार्थी पहचाने गए, जो अलग-अलग डिजीज से परेशान थे। शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि डिजिटल सर्वे के अनुसार लगभग 90 हजार छात्रों में हार्ट, कटे होंठ, क्लब पैर जैसी बीमारी हैं। ऐसे में सर्जिकल रिक्वायरमेंट वाले इन स्टूडेंट्स के डेटा को अब जिला स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध करवा दिया गया है। सर्जरी की आवश्यकता वाले छात्रों की कार्ययोजना बनाकर जल्द से जल्द उनका इलाज कराया जाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. रामेश्वर जीनगर ने बताया कि जिले में 2374 छात्रों की सर्जरी जिला हॉस्पिटल में कराएंगे। साथ ही जो सर्जरी जिला हॉस्पिटल स्तर पर उपलब्ध नहीं है, उसे राज्य स्तर पर करवाया जाएगा। अगर किसी छात्र का परिवार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के पात्र नहीं है। उन्हें आयुष्मान भारत योजना से जोड़कर इलाज कराया जाएगा। प्रक्रिया की मॉनिटरिंग हर 15 दिन में कलक्टर करेंगे।
जिले में ब्लॉकवार स्थिति आसीन्द में 188, बदनोर 142, बनेड़ा 137, बिजौलियां 99, हुरड़ा 165, जहाजपुर 219, करेड़ा 201, कोटड़ी 150, मांडल 108, मांडलगढ़ 176, रायपुर 91, सहाड़ा 87, शाहपुरा 276 तथा सुवाणा में 336 छात्र यानी कुल 2374 छात्र शामिल है। इनमें कटे होंठ के 719, हार्ट 547, मोतियाबिंद के 470 तथा क्लब पैर जैसी बीमारी के 726 छात्र शामिल है।