ईडी को मोबाइल व्यापारी पर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (एसडीपीआई) व पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े होने की आंशका होने पर 20 मार्च को बापूनगर स्थित आवास पर कार्रवाई की थी। कार्रवाई के दौरान कुछ दस्तावेज, नकदी, समेत अन्य सामग्री ईडी ने अपने कब्जे में लिया था। देर शाम कार्रवाई पूरी होने के बाद ईडी की टीम जयपुर के लिए रवाना हो गई थी। टीम के रवाना होने के कुछ देर बाद व्यापारी अपनी दुकान पर पहुंचा और वहां रखे दस्तावेजों को दुकान का पीछे दरवाजा खोलकर आग के हवाले कर दिया। इसका एक वीडियों सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
बैंक की मिली पर्ची आग में बिना जले रहे एक बैंक ऑफ महाराष्ट्र की नकद राशि जमा कराने की पर्ची मिली। पर्ची पर 31 जनवरी 2018 की तारीख में 20 हजार रुपए नकद जमा कराए गए। पर्ची पर भगवान स्टोर की सील लगी है। उसमें खाता संख्या 60157829248 लिखा है। दुकान के पीछे व आगे सीसीटीवी लगे है। इसकी पुलिस जांच करें तो सच्चाई सामने आएगी की आखिर व्यापारी ने ईडी के जाने के बाद कागज जलाने की इतनी जल्दबाजी क्यों की?
हैड कांस्टेबल का आधार कार्ड दुकान के पीछे के दरवाजे के पास एक आधार कार्ड मिला। यह आधार कार्ड मंगरोप थाने में तैनात हैड कांस्टेबल श्यामसुंदर विश्नोई का है। यह पूर्व में यातायात शाखा में तैनात रह चुका है। आधार कार्ड में श्यामसुंदर का फोटो यातायात पुलिस की वर्दी पहने हुए का है।
मुझे नहीं पता कैसे पहुंचा आधार कार्ड हैड कांस्टेबल श्यामसुंदर विश्नोेई का कहना है कि उसे यह नहीं पता कि आखिर आधार कार्ड मोबाइल की दुकान पर कैसे पहुंचा। विश्नोेई का कहना है कि उसने दुकान से मोबाइल खरीदा था तथा एक बार उसे ठीक भी करवाया था। विश्नोेई का कहना था कि व्यापारी ने मोबाइल के जरिए आधार कार्ड बना लिया होगा। विश्नोेई ने यह बात स्वीकार किया कि वह मोबाइल की दुकान पर आता-जाता रहा है।
इडी ने नहीं दी कोई सूचना मोबाइल व्यापारी के घर पर इडी की कार्रवाई से पहले या बाद में किसी तरह की सूचना इडी ने नहीं दी। पुलिसकर्मी का आधार कार्ड मोबाइल व्यापारी के पास कैसे पहुंचा। इसकी अपने स्तर पर जांच करवाई जाएगी।
– धर्मेन्द्रसिंह यादव, पुलिस अधीक्षक, भीलवाड़ा