ये था मामला चित्तौड़गढ़ जिले के निम्बाहेड़ा खनिज विभाग ने निकुंभ, बड़ी सादड़ी में क्वार्टजाइट ब्लॉक को चुनाई पत्थर बता नीलाम किए। इस मामले में चित्तौड़गढ़ के वरिष्ठ भू वैज्ञानिक ने रिपोर्ट में इन ब्लॉक की ऊपरी पत्थर की जांच के बाद साफ लिखा था कि यह पत्थर क्वार्टजाइट है, लेकिन खनिज विभाग ने इसे चुनाई पत्थर बता पहले 13 व बाद में 7 ब्लॉक नीलाम कर दिए। इससे खनिज विभाग को 20 से 25 करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ है।
इन्होंने की जांच राजस्थान पत्रिका में समाचार प्रकाशन के बाद खान निदेशालय ने अलग-अलग टीमों का गठन कर जांच कराई। भीलवाड़ा की दो टीम, उदयपुर तथा बिजौलियां की टीमें शामिल थी। भीलवाड़ा टीम ने नीलाम सभी 20 ब्लॉक के सैम्पल जुटाए। एक खदान 56/10 वर्धमान मिनरल के भी सैम्पल लिए। यह खदान इन 20 ब्लॉक के बीच में है। इसमें क्वार्टजाइट निकाला जा रहा है। इस मिनरल को जो़ड़ने का प्रस्ताव वरिष्ठ भू वैज्ञानिक के पास है। इन सभी 21 सैम्पल को जांच के लिए खान निदेशालय उदयपुर भेजा है। अन्य अधिकारियों ने भी जांच कर रिपोर्ट खान निदेशालय को भेज दी। जांच के बाद निंबाहेड़ा खनिज विभाग के अधिकारियों में हड़कंप है।
पहले से ही क्वार्टजाइट की लीज निकुंभ में पहले से क्वार्टजाइट की लीज चल रही है। वहां से निकलने वाले क्वार्टजाइट के ब्लॉक को बाहर भेजा जा रहा है। एक ब्लॉक की कीमत 5 से 7 हजार रुपए बता रहे हैं। यह लीज हाल में नीलाम ब्लॉक के पास है।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा राजस्थान पत्रिका ने एक जनवरी के अंक में क्वार्टजाइट को चुनाई पत्थर बता नीलाम कर दिए 13 ब्लॉक शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए थे। इसमें खनिज विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। इस बात को खान निदेशालय के अधिकारी भी मान रहे हैं। विभाग इस बात की भी जांच करवा रहा है कि इन ब्लॉक को खरीदने वाले कौन-कौन लोग शामिल है।