कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक विनोद कुमार जैन ने बताया कि नील गाय, जंगली जानवरों व निराश्रित पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाव व रोकथाम के लिए फसलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कृषि विभाग के माध्यम से खेतों की कांटेदार एवं चैनलिंक तारबंदी करवाने पर अनुदान दिया जा रहा है।
जैन ने बताया कि पूर्व में तारबंदी योजना में एक जगह न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर भूमि आवश्यक थी, लेकिन सरकार ने इस वर्ष इसमें शिथिलता देते हुए व्यक्तिगत एवं समूह में तारबंदी करवाने वाले किसान एक जगह न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर भूमि होने पर तारबंदी योजना का लाभ ले सकते है। इसके लिए सहायक कृषि अधिकारी व कृषि पर्यवेक्षकों को क्षेत्र के पात्र किसानों से तारबंदी योजना के ऑनलाइन आवेदन करवाने के निर्देश दिए है।
किसानों को ऐसे मिलेगा अनुदान सहायक निदेशक कृषि विस्तार डा. धीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया योजना में किसानों की सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए समूह में यदि न्यूनतम 10 किसान मिलकर 5 हैक्टेयर भूमि में तारबंदी करवाते हैं तो सभी किसानों को 70 फीसदी अनुदान राशि के हिसाब से प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर लंबाई पर 56 हजार की अनुदान राशि मिलेगी। एक ही जगह में न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर भूमि पर तारबंदी करवाने पर लघु एवं सीमांत किसानों को 400 रनिंग मीटर लंबाई पर 48 हजार रुपए एवं सामान्य किसानों को 40 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
इस प्रकार करनी होगी तारबंदी किसान खेतों की तारबंदी करते समय 15 फ़ीट की दूरी पर खम्भे लगाए। 5 कांटेदार वायर आड़े व 2 कांटेदार वायर क्रॉस लगाए। चैनलिंक जाली भी लगा सकते हैं। लोहे व सीमेंट के खम्बे की सुरक्षा के लिए भूमि में पीसीसी करानी होगी। व्यय राशि के बिल उपलब्ध करवाने होंगे। कार्य पूर्ण होने के उपरांत कृषि पर्यवेक्षक भौतिक सत्यापन राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन करेगा। अनुदान राशि का भुगतान किसानों के बैंक खाते में होगा। इसके लिए किसान राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।