क्या है पूरा मामला?
घटना रविवार दोपहर 2:30 बजे रायपुर थाना क्षेत्र के धूलखेड़ा और सुरास के बीच स्थित एक बजरी खनन साइट पर हुई। पीड़ित नेपाल सिंह द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार, विधायक पुत्र विजय पितलिया तीन अन्य लोगों के साथ साइट पर पहुंचा और वहां काम कर रहे स्टाफ को धमकाने लगा। विजय पितलिया ने मौके पर मौजूद जेसीबी और ट्रैक्टर चालकों को कहा कि यह लीज मैं नहीं चलने दूंगा। मेरे पिताजी विधायक हैं और मैं हर तरह से सक्षम हूं, शाम, दाम, दंड, भेद किसी भी तरीके से इस लीज को बंद करवा दूंगा।
गाली-गलौज और रजिस्टर छीना
विजय पितलिया ने कथित रूप से स्टाफ के एक सदस्य पप्पू सिंह के साथ धक्का-मुक्की की और उसका बैग छीनने की कोशिश की जिसमें जरूरी दस्तावेज और नकदी थी। हालांकि विरोध के चलते बैग तो नहीं ले जा सके, लेकिन समय सारणी का रजिस्टर छीनकर ले गए।
पीड़ित को धमकी- लीज नहीं चलने दूंगा
मौके पर पहुंचे प्रार्थी नेपाल सिंह ने जब हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो विजय पितलिया ने उन्हें ‘चोर’ कहा और गाली-गलौज करते हुए धमकाया कि जब तक मुझे और मेरे पिताजी को इस लीज में पार्टनर नहीं बनाते, तब तक यह लीज नहीं चलने दूंगा। जाते-जाते जान से मारने की धमकी भी दी गई। शिकायत दर्ज, कार्रवाई की मांग
नेपाल सिंह ने रायपुर थाने में विस्तृत रिपोर्ट दर्ज करवाई है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल पुलिस ने रिपोर्ट लेकर जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने फिर से यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या जनप्रतिनिधियों के परिजन खुद को कानून से ऊपर मानते हैं? क्या सत्ता की ताकत का इस्तेमाल निजी स्वार्थ और दबाव बनाने के लिए किया जाना अब एक आम बात हो गई है?