भीलवाड़ा में 30 सितंबर को सोने का भाव 80 हजार रुपए प्रति तोला था, जो सोने का उच्चतम स्तर होगा। फिर कुछ समय तक भाव 77,500 से कम रहा, लेकिन फिर बढ़ोतरी हुई, जो थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले साल वैश्विक संकट के चलते दरों में बढ़ोतरी हुई थी। अब अमरीकी चुनाव के बाद दुनिया के बाजार प्रभावित हो रहे हैं। बढ़ती कीमतों से बाजार में चिंता है जबकि शेयर बाजार लगातार गिर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
सोने के भाव में बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर है। पिछले दिनों अमरीकी राष्ट्रपति की बयानबाजी का असर दुनियाभर के बाजारों पर पड़ा है। ब्याज दरों में कटौती के आह्वान और डॉलर इंडेक्स में गिरावट से सोना महंगा है।Union Budget 2025: क्या कोटपूतली-कुचामन मेगा हाइवे होगा फोरलेन? बजट से शेखावाटी को काफी उम्मीदें, पेट्रोल भी सस्ता होने की संभावना
शादी वाले परिवार हुए आहत
मकर संक्रांति के बाद शादियों का दौर शुरू हुआ और दूसरी ओर सोने की कीमतें बढ़ने से लोगों को परेशानी हुई है। बढ़ी कीमतों के चलते निवेश को लेकर लोगों ने हाथ पीछे खींचे है। जरुरत के मुताबिक खरीद के बजाय शगुन की खरीद कर रहे हैं।बाजार में नरमी का माहौल
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खरीद पर पड़ा असर
सोने के भाव में लगातार बढ़ोतरी होने से बाजार पर थोड़ा असर पड़ा है। उम्मीद है कि 10-15 दिन में भाव टूटेंगे। अमूमन जब भी लगातार तेजी आती है। उसके बाद वापस सुधार आता है। शादी समारोह वाले परिवार के लोग सोना चांदी तो खरीद रहे हैं, लेकिन अब आवश्यकता अनुसार व हल्की ज्वैलरी खरीद रहे है।- मनीष बहेडि़या, ज्वैलर्स व्यापारी