बिक्री पर रोक लगा दी है। अब एक सप्ताह बाद होने वाली जाच के बाद ही इन बैग का निर्णय होगा की यह बैग बाजार में किसानों के पास जाएंगे या नहीं उद्यान विभाग के उप निदेशक शंकरसिंह राठौड़ ने बताया कि जयपुर से आई टीम ने रविवार को एक साथ हमीरगढ़ क्षेत्र के ओजियाड़ा स्थित ओस्तवाल फॉसकेम (इंडिया) लिमिटेड है, जो एक उर्वरक कम्पनी है। यह सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) और दानेदार सिंगल सुपरफॉस्फेट(जीएसएसपी) का उत्पादन करता है। यहां बड़ी लापरवाही सामने आई है। राठौड़ ने बताया कि ओस्तवाल के यहां तैयार खाद बारिश के कारण भीग गया था। तथा खाद सही तरीके से स्टेकिंग नहीं की गई थी। इसके कारण नीचे की दो लेयर पानी में भीग चुकी हैं। ऐसे में खाद में नमी हो गई है। ऐसे में 3 लोट की सेल पर रोक लगा दी है। नोटिस भी जारी किया गया है। एक लोट में 100 टन खाद होती है। इस तरह 300 टन खाद की बिक्री पर रोक लगाई गई है। अधिकारियों ने बताया कि इन तीन लोट में से कुछ माल किसानों तक पहुंच गया है। उसमें से शेष माल पर रोक लगाई है। उनका स्टॉक का मिलान किया जा रहा है। इसके अलावा लैब टेक्नीशियन भी प्रशिक्षित नहीं है हालांकि यह स्थिति तीन खाद बनाने वाली इकाईयों में पाया गया था। लैब में लिए गए सैम्पल का हिसाब नहीं था।
राठौड़ ने बताया कि हमीरगढ़ में स्थित गायत्री स्पिनर्स लिमिटेड खाद बनाने की इकाई में कई लापरवाही सामने आई है। यहां दो लोट पहले से सीजपड़े पाए गए। वही खाद के खट्टों का रिकार्ड सही नहीं पाया गया। लैब टेक्नीशियन के नहीं होने पर नोटिस जारी किया गया। इसके अलावा स्टॉक रजिस्ट्रर में कई जगहों पर कांट-छांट पाई जाने पर अधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त की है। वहां बाद में स्टॉक का भी मिलान किया तो काफी अंतर पाया गया। इसके पास ही आईपीएल खाद बनाने की इकाई
आईपीएल (मंगलम) मंगलम फैक्ट्री में प्रिंटिंग बैग नहीं पाए गए। यहां हाथ से ही चैंच मार्क लिखे हुए थे। इसे गंभीरता से लेते हुए नोटिस जारी किया है। वही बैंग का रख-रखाव सही नहीं पाए जाने पर 1900 टन यानी लगभग 38 बजार कट्टों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
राठौड़ ने बताया कि इस कार्रवाई के दौरान कृषि आयुक्तालय जयपुर के संयुक्त निदेशक नवल किशोर मीणा, सहायक निदेशक राजपाल सिंह, धर्मपाल भीलवाड़ा कृषि विभाग विस्तार के उप निदेशक वीके जैन, इंद्रसिंह संचेती, सहायक निदेशक धीरेंद्र सिंह राठौड़, कृषि अधिकारी प्रियंका पारीक और कजोड़मल शामिल थे।