ऐशबाग आरओबी की जांच रिपोर्ट में खुलासा, 3 बार बदला गया ब्रिज का डिजाइन, जाने पहले कैसा बनने वाला था
90 Degree Bridge Bhopal : ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज के डिजाइन को लेकर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट में सामने आया कि, इस ब्रिज के निर्माण से पहले उसके डिजाइन को तीन बार बदला गया था।
ऐशबाग आरओबी की जांच रिपोर्ट में खुलासा (Photo Source- Patrika)
90 Degree Bridge Bhopal :मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट में ये सामने आया कि, इस ब्रिज के निर्माण से पहले उसके डिजाइन को तीन बार बदला गया था। फाइनली 90 डिग्री वाला डिजाइन फायनल किया गया और उसी हिसाब से ब्रिज का निर्माण किया गया।
जांच रिपोर्ट के अनुसार, पहले इस ब्रिज को 30 डिग्री कोण पर बनाना तय हुआ था, पर बाद में 45 डिग्री कर दिया गया और अचानक ही उस नक्शे को भी साइड में रखकर अंत में ब्रिज 90 डिग्री पर ब्रिज का निर्माण कर दिया गया, जो तकनीकी दृष्टि से खतरनाक है। रिपोर्ट के अनुसार, ये निर्माण ‘एक्सीडेंटल ज़ोन’ बन सकता है।
ऐशबाग आरओबी की जांच रिपोर्ट में खुलासा (Photo Source- Patrika) मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रिपोर्ट सामने आने के बाद स्पष्ट निर्देश दिए कि, जब तक ब्रिज की खामियों को दूर न हो जाएं, तबतक इसका उद्घाटन नहीं किया जाएगा।
रेलवे और पीडब्ल्यूडी के बीच समन्वय की कमी भी सामने आई
जांच रिपोर्ट में रेलवे और पीडब्ल्यूडी के बीच समन्वय की कमी और पत्राचार को लेकर विवाद भी सामने आया है। तीन सदस्यीय तकनीकी समिति जिसमें चीफ इंजीनियर बीपी बौरासी, पीसी वर्मा और ईई प्रवीण निगम शामिल थे। इन्होंने ब्रिज निर्माण की प्रक्रिया और डिज़ाइन में बदलाव की जांच कर रिपोर्ट सौंपी। अब खामियां दूर होने के बाद ही ब्रिज का उदघाटन कर आम लोगों के लिए इसे खोला जाएगा।
ऐशबाग आरओबी की जांच रिपोर्ट में खुलासा (Photo Source- Patrika) आपको बता दें कि, शहर के ऐशबाग रेल लाइन को क्रॉस करने के लिए बनाए गए ओवरब्रिज के टॉप कॉर्नर को 90 डिग्री का अजीबोगरीब मोड़ दे दिया गया। इसी मोड़ के चलते ये ब्रिज भोपाल ही नहीं, बल्कि देश-विदेश तक सुर्खियों में आ गया। 18 करोड़ की लागत से बने इस पुल को ‘सरकार का बनाया नायब नमूना’ कहा गया। इसका अंधा मोड़ भविष्य का बड़ा एक्सीडेंट जोन या ब्लैक स्पॉट साबित होने की प्रबल संभावना थी। फिलहाल, मामला गर्माने के बाद प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग से लेकर नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया ने इसकी जांच की और पुल के कर्व को हादसों का केंद्र माना, जिसके बाद अब इस टेक्निकल फॉल्ट को दूर किया जा रहा है।
पहले ही निर्धारित समय से एक साल पीछे चल रहा निर्माण
गौरतलब है कि, भोपाल का ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण 21 मई 2022 को शुरू हुआ था। ये प्रोजेक्ट अपनी समय सीमा से पहले ही करीब 1 साल पीछे चल रहा है। 17 करोड़ 37 लाख की लागत वाले ब्रिज का निर्माण अगस्त 2024 में पूरा करना था। लेकिन जून 2025 में भी इसे बनाने की प्रक्रिया जारी है। 90 डिग्री वाले ब्रिज की लंबाई 648 मीटर है और चौड़ाई 8 मीटर है।
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