इसमें देश के 12 राज्यों से आए ज्योतिषाचार्यों ने वैदिक ज्योतिष और आधुनिक तकनीक, विशेषकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव पर गहन विचार-विमर्श किया। हालांकि सम्मेलन में बालाघाट से आए ज्योतिषाचार्य डॉ.अरविंद तिवारी ने बताया कि एआइ जैसी आधुनिक तकनीकों ने पंचांग और कुंडली निर्माण जैसे कार्यों को अत्यंत सरल बना दिया है, जिससे समय की बचत हुई है।
कम होगी तनाव की स्थिति
वहीं वर्तमान वैश्विक परिदृश्य पर बात करते हुए पंचांगकार पं. विनोद गौतम ने ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर युद्ध की संभावनाओं में कमी आने की बात कही। उन्होंने बताया कि मंगल ग्रह के अपनी नीच राशि से कर्क राशि में प्रवेश करने से तनाव की स्थिति कम होगी, जो कि एक सकारात्मक संकेत है।
एआइ से कम हुआ गणनाओं में लगने वाला समय
इसी तरह इंदौर की ज्योतिषाचार्य डॉ. वसुंधरा शर्मा ने एआइ की उपयोगिता को सराहा। उनके अनुसार, एआइ ने ज्योतिषीय सलाह को अधिक लोगों तक पहुंचाने में मदद की है, क्योंकि यह गणनाओं में लगने वाले समय को कम करता है। उन्होंने कहा कि तकनीक एक सहायक उपकरण के रूप में कार्य करती है, लेकिन ज्योतिष की आत्मा का स्पर्श केवल पारंपरिक और अनुभवी ज्योतिषियों के माध्यम से ही संभव है।