एमपी में नए वित्त वर्ष में आर्थिक पाबंदी की खबर सामने आई है। प्रदेश के वित्त विभाग ने अहम फैसला लेते हुए 50 करोड़ रुपए से ज्यादा के बिलों के बिना अनुमति भुगतान पर रोक लगा दी है। ऐसे भुगतान पर वित्त विभाग की अनुमति अनिवार्य कर दी गई है।
भुगतान के लिए कई शर्तें
वित्त विभाग द्वारा 50 करोड़ रुपए से ज्यादा के भुगतान के लिए कई शर्तें तय की गई हैं। इस संबंध में प्रदेश सरकार के सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों और आहरण व संवितरण अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार सन 2025-26 के लिए ये निर्देश दिए गए हैं।
आदेश के अनुसार राज्य सरकार के अधिकारी अब 50 करोड़ रुपए से ज्यादा के बिल वित्त विभाग की मंजूरी के बाद ही ट्रेजरी में लगा सकेंगे। नए निर्देशों के अनुसार ऐसी राशि वाले चेक और बिल बिना वित्त विभाग की अनुमति के नहीं लगाए जा सकेंगे। यह आर्थिक प्रतिबंध केंद्र सरकार की सहायता से संचालित योजनाओं, केंद्र प्रवर्तित योजनाओं और निर्माण कार्यों में लागू नहीं होगा।
भुगतान स्वीकृति 15 दिनों के लिए
वित्त विभाग ने सभी बिलों का भुगतान केवल सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रशासनिक और वित्तीय अनुमति के आधार पर ही करने का निर्देश दिया है। वित्त विभाग की अनुमति मिलने के बाद भुगतान स्वीकृति 15 दिनों के लिए या संबंधित वित्तीय वर्ष के 31 मार्च तक ही वैध रहेगी।