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2 रुपए किलो में मिलने वाला चावल निजी दुकान पर 27 का, ऐसे समझें मामला इसके अलावा विवाह सहायता जैसी सरकारी योजनाओं में अफसरों ने खूब पलीता लगाया। असल में अंत्येष्टि सहायता एवं अनुग्रह सहायता का लाभ मजदूरों व उनके परिजनों को अंत्येष्टि के समय व उसके बाद दी जाती है। इसमें दो बार अलग-अलग राशि मिलती है। पहली किस्त तो अंत्येष्टि के समय दी जाती है और दूसरी किस्त बाद में मिलती है।
कर्मकार मंडल और श्रम सेवा पोर्टल पर 14 व 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिगों के भी पंजीयन कर दिए गए। जबकि सरकार खुद कहती है कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम नहीं लिया जा सकता। हद तो तब हो गई जब 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को भी जोड़ लिया गया। विवाह सहायता योजना में जबलपुर के कुंडम जनपद ने 2, पहाड़गढ़ ने 13, कैलारस ने 27, वैढ़न ने 3 व चितरंगी जनपद के अफसरों ने 3 फर्जी प्रकरणों में 38.92 लाख रुपए का भुगतान किया।
विवाह सहायता योजना में भी फर्जीवाड़ा
कैग ने विवाह सहायता योजना में भी फर्जीवाड़ा पकड़ा। इसमें नगर निगम भोपाल ने 28 प्रकरणों में 14.28 लाख और निगम जबलपुर ने 10 प्रकरणों में 5.10 लाख ऐसे लोगों को दिए, जो पात्र ही नहीं थे।