विदिशा जिला अध्यक्ष महाराज सिंह दांगी को बनाया गया है। वे केंद्रीय मंत्री शिवराज के करीबी माने जाते हैं। सीएम व पूर्व सीएम के क्षेत्रों में सबसे पहले जिला अध्यक्ष नियुक्त कर पार्टी किसी भी तरह के अंदरूनी विवाद को थामना चाहती है, क्योंकि वरिष्ठ नेताओं की खींचतान के चलते ही नियुक्तियां अटकी हुई थीं।
सत्ता-संगठन के बीच मंथन और शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद घोषणा
भोपाल में रविवार को इस घोषणा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा समेत अन्य के बीच सुबह चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक सत्ता व संगठन के कुछ प्रमुख लोगों के पास दिल्ली से फोन भी आए। यह चर्चा दोपहर से पहले हुई और देर शाम उज्जैन से अध्यक्षों की घोषणा की शुरुआत हो गई। सूत्रों के मुताबिक देरी के चलते अंदरखाने में पनप रहे विरोध को सत्ता-संगठन ने भांप लिया है। यही वजह है कि अब देरी को टाला जा रहा है। देरी की वजह से ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव आगे बढ़ गए हैं।
आज से बचे जिलों में यही फॉर्मूला
पार्टी सूत्रों के मुताबिक आगे छिंदवाड़ा, बैतूल, भोपाल समेत अन्य जिलों के जिला अध्यक्षों की घोषणा भी उज्जैन नगर की तरह ही होगी। इसकी शुरुआत सोमवार से हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक जिन जिलों के अध्यक्षों को लेकर फाइनल सहमति बन चुकी है, वहां प्रदेश भाजपा की ओर से कह दिया है कि घोषणा करना शुरू कर दें।
संजय: छात्र राजनीति और सीएम की नजदीकी काम आई
संजय अग्रवाल राजनीति में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से सक्रिय रहे। वे एबीवीपी की माधव कॉलेज इकाई के छात्र अध्यक्ष रहे। भाजपा में नगर मंत्री, उपाध्यक्ष के साथ भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ जिला महामंत्री व भारतीय उद्योग प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष तथा भाजयुमो में नगर कोषाध्यक्ष के दायित्व की जिम्मेदारी संभाली। अग्रवाल राजनीति के साथ ही सामाजिक क्षेत्रों में अग्रणी रहे। दाल बेसन व्यापारी अग्रवाल दौलतगंज व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष व सचिव, उद्योग विभाग में विधायक प्रतिनिधि, लायंस क्लब क्लासिक में पूर्व अध्यक्ष रहे। 16 जून 1968 को जन्मे अग्रवाल ने बीकॉम तक की पढ़ाई की है।
महाराज: जनपद अध्यक्ष के पति 1990 से सियासत में सक्रिय
पार्टी की ओर से दूसरी अधिकृत घोषणा में महाराज सिंह दांगी को विदिशा जिलाध्यक्ष बनाया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी राधेश्याम पारिख ने नियुक्ति पत्र जारी किया। कुरवाई जनपद अध्यक्ष ममता सिंह के पति महाराज सिंह केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह के करीबी माने जाते हैं। वे 1990 से राजनीति में सक्रिय हैं। 1990 में तिलहन व्यापार संघ के अध्यक्ष रहे। 1992-93 में मंडल महामंत्री, 1994 में सरपंच, 2000 में जिपं सदस्य, 2003-2006 तक जिला उपाध्यक्ष, 2006 से 2009 तक पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिलाध्यक्ष, 2011 में मंडल अध्यक्ष रहे। कुरवाई विधायक हरिसिंह सप्रे के प्रतिनिधि भी हैं।
तटस्थ पत्रिका ने बताया था- संभावित विरोध के चलते बदला फॉर्मूला
जिला अध्यक्षों की सूची को लेकर पत्रिका ने 10 जनवरी के अंक में ‘संगठन ने बदला जिलाध्यक्षों की घोषणा का फॉर्मूला’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया था कि अब सूची नहीं आएगी, बल्कि जिला निर्वाचन अधिकारी घोषणा करेंगे। बताया जाता है कि कुछ भाजपा नेताओं में भारी विरोध के चलते संगठन ने यह तरीका निकाला है। आमतौर पर प्रदेश भाजपा से एकमुश्त सूची जारी होती आई है।