एमपी के बहुचर्चित डॉ. नीरज पाठक हत्या मामला फिर चर्चा में आ गया है। 1 मई 2021 को छतरपुर के जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पाठक की लाश उनके ही घर में पाई गई थी। पुलिस की जांच में डॉक्टर की मौत के लिए उनकी लेक्चरर पत्नी ममता पाठक को ही दोषी पाया। सेशन कोर्ट ने इस पर मुहर लगाते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई।
उम्र कैद के फैसले के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में अपील की
ममता पाठक ने सेशन कोर्ट के उम्र कैद के फैसले के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में अपील की है। कोर्ट में उसने अपने बचाव में खुद ही दलीलें पेश कीं। जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की डबल बैंच ने उसके तर्क सुने। लगातार दो दिन चली इस बहस में ममता पाठक ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए।
ममता पाठक ने कहा कि मुझ पर पति को करंट लगाकर मारने का आरोप लगाया जबकि मेरे घर में किसी को करंट लग ही नहीं सकता। घर का बिजली सिस्टम इतना पुख्ता और आधुनिक था कि कहीं से करंट लीक होनेपर तुरंत बिजली सप्लाई बंद हो जाती। उसने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को गलत बताते हुए कहा कि इसे मनमाने तरीके से तैयार किया।
ममता पाठक ने कोर्ट में कहा कि पति की मौत 29 तारीख को हुई थी जबकि पुलिस ने उनके खिलाफ 7 मई को एफआईआर दर्ज की। मुझसे कोरे पेजों पर साइन करवाए।
आप उन्हें घर में अकेला छोड़कर क्यों चली गई
सुनवाई के दौरान जस्टिस विवेक अग्रवाल ने ममता पाठक से पूछा कि जब आपके पति की तबियत ठीक नहीं थी और उनकी हालत गंभीर थी तब आप उन्हें घर में अकेला छोड़कर क्यों चली गई थीं?” बता दें कि फिलहाल ममता पाठक 1 साल के लिए जमानत पर है।