बरासों को पर्यटन स्थल बनाने के लिए जैन समाज द्वारा भी करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। सुमेरू पर्वत को भगवान महावीर स्वामी का प्रतीक बताया गया है। जैन मुनि सुबल सागर ने इसके विकारस के लिए सर्वसमाज से सहयोग मांगा है।
यह भी पढ़ें: एमपी की बड़ी नदी सूखी, 470 किमी लंबे इलाके में मच गया हाहाकार
बता दें कि बरासों में रविवार को पंचकल्याणक महोत्सव का समापन किया गया था। राज्य के मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि सुमेरू महातीर्थ 12 बीघा जमीन पर विकसित होगा। दंदरौआ धाम के महंत रामदास ने बताया कि चिकित्सा की दृष्टि से हॉस्पिटल और बच्चों की शिक्षा के लिए विद्यालय, कॉलेज बनने से क्षेत्र का विकास होगा।
बता दें कि बरासों में रविवार को पंचकल्याणक महोत्सव का समापन किया गया था। राज्य के मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि सुमेरू महातीर्थ 12 बीघा जमीन पर विकसित होगा। दंदरौआ धाम के महंत रामदास ने बताया कि चिकित्सा की दृष्टि से हॉस्पिटल और बच्चों की शिक्षा के लिए विद्यालय, कॉलेज बनने से क्षेत्र का विकास होगा।
बरासो तीर्थ क्षेत्र विकास के साथ ही जिलेभर में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। तपस्वी जैनाचार्य 108 सुबल सागर महाराज ने बताया कि सुमेरु पर्वत के अलावा बरासो तीर्थ क्षेत्र में अस्पताल, विद्यालय, गौशाला, धर्मशाला आदि का निर्माण भी किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: एमपी में दो से अधिक संतानों पर बर्खास्तगी पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
तीर्थ क्षेत्र में 414 फीट ऊंचा सुमेरु पर्वत बनेगा, जिसकी लागत लगभग 400 करोड़ रुपए होगी। सुमेरु पर्वत की चौड़ाई 171 फीट होगी। पर्वत के साथ ही तीर्थ क्षेत्र में अन्य विकास कार्यों पर भी 400 से 600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सुमेरु पर्वत की आधारशिला रखने के साथ ही जल्द ही कार्य शुरु होने की बात कही जा रही है।
तीर्थ क्षेत्र में 414 फीट ऊंचा सुमेरु पर्वत बनेगा, जिसकी लागत लगभग 400 करोड़ रुपए होगी। सुमेरु पर्वत की चौड़ाई 171 फीट होगी। पर्वत के साथ ही तीर्थ क्षेत्र में अन्य विकास कार्यों पर भी 400 से 600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सुमेरु पर्वत की आधारशिला रखने के साथ ही जल्द ही कार्य शुरु होने की बात कही जा रही है।