हेल्पलाइन नंबर जारी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने संदेश में कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में मध्य प्रदेश के श्रद्धालुओं को दुर्घटनाग्रस्त होने पर उनकी तत्काल सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 0755-2708055 एवं 0755-2708059 (वल्लभ भवन, सिचुएशन रूम, भोपाल) स्थापित किया गया है। जरूरतमंद व्यक्ति दिन में किसी भी समय इन नंबरों पर कॉल कर वांछित सहायता ले सकते हैं।भगदड़ में एमपी के इन 4 लोगों की हुई मौत
मध्य प्रदेश से मौनी अमावस्या में अमृत स्नान को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जत्था प्रयागराज पहुंचा। यहां भगदड़ में 4 की मौत हो गई। इसके अलावा, 3 लोग लापता भी बताए जा रहे हैं। मृतकों में ग्वालियर के टेकनपुर निवासी कामता पाल, रायसेन के गैरतगंज के मोहनलाल अहिरवार (45) और इटारसी उमेश सराठे (48) की मौत की पुष्टि परिजन ने की। वहीं छतरपुर की सुनवाहा गांव की रहने वाली हुकुम बाई लोधी परिवार के 15 लोगों के साथ महाकुंभ में स्नान करने आई थीं। भगदड़ में उनकी मौत हो गई, जबकि बेटी दीपा (19) घायल हैं। बकस्वाहा के बुजुर्ग दपंती हरि साहू (58) और शकुंतला (55) एक अन्य लापता हैं। इधर, चित्रकूट के तरौहा के एक व्यस्त ने बहनोई चंद्रपाल कुशवाहा की मौत की जानकारी दी है।पुलिस ने गाली देकर भगाया
पत्रिका से बातचीत में छतरपुर की लक्ष्मी ने बताया कि पुलिस वालों की वजह से देवरानी हुकुमबाई की मौत हुई। 11 बजे रात पुलिस आई और लाठी से जगाया और कहा जाओ डुबकी ले लो। हमने मना किया कि हम सुबह डुबकी लेंगे या दोपहर में। लेकिन, पुलिस वालों ने गाली देकर भगा दिया। हम जैसे ही नहाने के लिए आगे बढ़े तभी कुछ लोग सामने से भागते हुए आ गए और धक्कामुक्की करने लगे। देवरानी का हाथ उनकी बेटी से छूटा और वो दोनों नीचे गिर। इस घटनाक्रम में देवरानी की मौत हो गई।क्या है संगम नोज
संगम नोज पर ही यमुना, गंगा और सरस्वती का मिलन होता है। इस स्थान को कुंभ स्नान के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। इस जगह का आकार नोज (नाक) की तरह है। यहां सबसे आगे तिकोने क्षेत्र में बने घाट पर लोग सबसे ज्यादा पहुंचते हैं। हर बार कुंभ में इस क्षेत्र में घाट का आकार बढ़ा दिया जाता है। इस बार यहां दो लाख लोगों के प्रतिघंटे स्नान की व्यवस्था की गई थी।क्यों मची भगदड़
-ब्रह्म मुहूर्त में नहाने के लिए घाट पर श्रद्धालुओं ने रात में ही कब्जा जमा लिया था।-हर कोई करना चाहता था त्रिवेणी में स्नान, बैरिकेटिंग तोड़ी।
-वीआइपी मूवमेंट के कारण बार-बार रास्ते बंद होने से खीज।
-नहाने के बाद निकलने का अलग रास्ता जाम होने से ऊहापोह।
इन पर हो अमल
टाइम स्लॉट: कुंभ में आने वाला व्यस्त संगम नोज पहुंचकर मुहूर्त का इंतजार करता है। ऐसे में टाइम स्लॉट लागू कर लोगों को भेजें।बेरिकेडिंग: पौराणिक महत्व के कारण संगम नोज पर बेरिकेडिंग नहीं की जाती। भीड़ को रोकने के लिए बेरिकेडिंग हो।