मुख्यमंत्री ने बताया कि 2003 में पशुपालन विभाग का आंकड़ा 300 करोड़ था अब 2600 करोड रुपए हो गया है। कांग्रेस ने गाय का दूध न खरीदने के लिए तरह-तरह के पेंच लगाए, तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए गए। हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि गाय का दूध भी सम्मान से खरीदा जाएगा। गौशाला में दूध उत्पादन तो होना ही चाहिए, सीएनजी भी बनाई जा सकती है और दवाई भी बना सकते हैं।
यह भी पढ़ें : Ladli Behna Yojana – लाड़ली बहनों को दोहरी सौगात, ₹1551 करोड़ खातों में ट्रांसफर किए, 250 रुपए के शगुन की भी घोषणा सीएम ने कहा कि गौशालाओं को स्वावलंबी बनाते हुए इनका खर्च ₹20 से ₹40 किया गया है। सरकार का प्रयास है कि घर-घर गोपालन हो। सीएम मोहन यादव ने सीएम हाउस का जिक्र करते हुए कि यह मुख्यमंत्री निवास जरूर है लेकिन यह आपका अपना निवास है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश में कृषि उत्पादन में यदि नंबर वन है तो प्रदेश को दूध उत्पादन में भी नंबर वन होना चाहिए।
पशुपालन विभाग का नाम बदलने की घोषणा
गौ-शाला सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने पशुपालन विभाग का नाम बदलने की घोषणा की। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विभाग के नाम में पशुपालन विभाग के साथ ही अब गोपालन विभाग भी जोड़ा जाएगा। सम्मेलन में मंच पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मंत्री विश्वास सारंग और लखन पटेल, विधायक भगवान दास सबनानी, भोपाल की महापौर मालती राय सहित अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। मंत्री लखन पटेल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।