MP Transfer Policy अब विभागीय मंत्री कर सकेंगे ट्रांसफर
MP Transfer Policy: मध्य प्रदेश में ट्रांसफर पॉलिसी (MP Transfer Policy) को लेकर बड़ी खबर आई है। अब विभागीय मंत्री के अनुमोदन पर ट्रांसफर किए जा सकेंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव ने महेश्वर में आयोजित कैबिनेट बैठक में इसकी घोषणा की थी। बुधवार 29 जनवरी को राज्य सरकार ने संशोधित ट्रांसफर पॉलिसी जारी कर दी। अब मध्य प्रदेश में करीब 40 से 50 हजार कर्मचारियों और अधिकारियों के ट्रांसफर हो सकेंगे।
सीएम ने मंत्रियों को विशेष परिस्थितियों में तबादले का अधिकार दिया है। इन परिस्थितियों के मुताबिक स्वयं या किसी परिजन को गंभीर बीमारी हो, कोर्ट के आदेश आए हों या फिर प्रशासनिक आवश्यकता जैसे मामलों में विभागीय मंत्री तबादले को हरी झंडी दे सकेंगे।
इन अधिकारियों-कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रहेगी रोक
मंत्रियों को जरूरत पड़ने पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर के अधिकार मिले हैं। लेकिन जिन अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कोई विभागीय या अन्य जांच चल रही है, तो इनका तबादला नहीं किया जा सकेगा। जांच प्रभावित होने की आशंका को लेकर तबादला नीति के इस नियम में बदलाव किया गया है।
तबादले का अधिकार मिला लेकिन नहीं रहेंगे फ्री हैंड
राज्य सरकार ने मंत्रियों को भले ही तबादले के अधिकार दे दिए हैं, लेकिन वे फ्री हैंड नहीं रहेंगे। मंत्रियों की मांग पर मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव की अनुमति के बाद विशेष मामलों में ही मंत्री तबादला कर सकेंगे। ये अधिकार राज्य सरकार ने तबादला नीति 2022 में संशोधन के माध्यम से दिया गया है।
2022 में आखरी बार जारी हुई थी नई तबादला नीति
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 2022 में आखिरी बार नई तबादला नीति जारी की गई थी। उसके बाद से अब तक तबादलों को लेकर नई नीति नहीं आई है। लेकिन उसी नीति में कुछ संशोधन करते हुए मंत्रियों को जरूरत पड़ने पर अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले का अधिकार मिला है।