विधायक रीति पाठक के आरोप पर डिप्टी सीएम का बड़ा जवाब, राजेंद्र शुक्ल बोले- बुराई क्या है?’
MP News : सीधी से भाजपा विधायक रीति पाठक द्वारा स्वास्थ्य विभाग को लेकर मंच से उठाए सवालों पर उप-मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा- ‘क्षेत्र के विकासकार्यों को लेकर बात रखने में बुराई क्या है?’
MP News : मध्य प्रदेश के सीधी से भाजपा की महिला विधायक रीति पाठक द्वारा हालही में सूबे के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के सामने भरे मंच से विभाग की खामियों पर कई सवाल खड़े किए थे। मंच से भाजपा की महिला विधायक के खरे-खरे सवाल सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई थी। अब इस मामले में सूबे के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल का भी बयान सामने आया है।
रीति पाठक ने जिला अस्पताल के विकास के लिए जारी 7 करोड़ रुपए की राशि के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए उसके गायब होने के आरोप लगाए थे। अब इस मामले में डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने सफाई देते हुए कहा कि, ‘उनके सवालों से आपको समझना चाहिए कि भाजपा के विधायक अपने काम को लेकर कितने संवेदनशील और समर्पित हैं। हर विधायक ये चाहता है कि उसके क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा काम हो। फिर भले ही वो स्वास्थ्य का क्षेत्र या कोई अन्य क्षेत्र हो।’
‘क्षेत्र के विकासकार्यों को लेकर बात रखने में बुराई क्या है?’
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने रीति पाठक द्वारा मंच से उठाए सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- ‘जैसे विधायक पाठक ने भी अपने क्षेत्र के विकास से संबंधित कोई बात कही, उसमें बुराई क्या है? फिर भले ही वो बात मंच पर हो या मंच से बाहर हो, क्षेत्र के विकास की बात को हम हमेशा सकारात्मक भाव से लेते हैं और उसपर हमेशा संज्ञान लिया जाता है कि आखिर ऐसा कहां हुआ है। कुल मिलाकर क्षेत्र में विकास को लेकर अगर किसी ने अपनी बात रखी है तो उसमें कोई बुराई नहीं है।’
क्या है मामला?
दरअसल, बीजेपी विधायक रीति पाठक ने बीते रविवार को एक निजी अस्पताल के उद्घाटन समारोह में अपनी ही सरकार पर आरोप लगाए थे।। खास बात ये थी उस दौरा कार्यक्रम में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल भी मौजूद थे। रीति पाठक ने कहा था कि जिला अस्पताल के विकास के लिए 7 करोड़ रुपए राशि जारी की गई थी, लेकिन ये पैसा कहां खर्च हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने ये भी कहा था कि मैंने स्वास्थ्य विभाग और डिप्टी सीएम को 6-7 बार पत्र लिखा, लेकिन उसका उन्होंने इसपर कोई जवाब नहीं दिया। महिला विधायक ने दावा किया कि ‘ये राशि उन्होंने विधायक मद से जारी की थी।’
विधायक के दावे का खंडन
हालांकि, महिला विधायक के इस दावे का खंडन करते हुए विधायक निधि शाखा प्रभारी रविश तिवारी ने कहा कि, 2024-25 के वित्तीय वर्ष में ऐसी कोई धनराशि जारी नहीं की हुई है। वहीँ, सांसद निधि प्रभारी मानेंद्र तिवारी ने भी इस पर चुप्पी साधते हुए कहा कि वे राशि को सार्वजनिक नहीं कर सकते। इससे मामले को लेकर और सवाल खड़े हुए थे। आपको बता दें कि, साल 2023 के विधानसभा चुवान से विधायक चुने जाने से पहले रीति पाठक दो बार सांसद भी रह चुकी हैं।
विपक्ष ने साधा निशाना
कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि ‘जब भाजपा विधायक की ही सुनवाई नहीं हो रही तो आम जनता की क्या स्थिति होगी? सरकार को बताना चाहिए कि 7 करोड़ रुपए कहां गए।’
वहीं, कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने कहा था कि ‘जब अपनी ही पार्टी के विधायक सरकार से पीड़ित हों तो जनता की आवाज भला कौन सुनेगा ? रीति पाठक का यह आरोप भाजपा सरकार की विफलता को दर्शाता है।’
मुख्यमंत्री से मिली विधायक रीति पाठक
इस घटना के बाद विधायक रीति पाठक ने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर क्षेत्र के विकासकार्यों पर चर्चा की थी। मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि मुख्यमंत्री ने सीधी के विकास के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा कि ‘सीधी के लिए स्वास्थ्य विभाग से संबंधित विषय, युवाओं के लिए रोजगार हेतु लघुउद्योग लगाने के लिए पर्यटन स्थलों को विकसित किए जाने और विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा की।’ उन्होंने आगे लिखा- ‘मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सीधी क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा पूरा सहयोग करेंगे।’
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