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पूरे प्रदेश में तेज गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। लूज मोशन, उल्टी और बुखार के मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है। एंबुलेंस 108 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेशभर में 1 अप्रेल से 14 अप्रैल तक 4070 डायरिया(Diarrhea), हीट स्ट्रोक और वोमेटिंग के मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया, जबकि बुखार के 3376 मरीज भर्ती हुए।
यह है हाल
जेपी अस्तपालः 300 से 400 बुखार के मरीज
हमीदियाः 170 से ज्यादा बुखार के मरीज
एम्सः ओपीडी में 30 फीसदी की बढ़ोतरी जेपी अस्पताल में बुधवार को ही ओपीडी में 385 मामले आए। जिसमें 45 प्रतिशत मरीज लूज मोशन, पेटदर्द, उल्टी चक्कर और बुखार के थे। बच्चा वार्ड में डायरिया और उल्टी दस्त से पीड़ित 10 बच्चे भर्ती हैं। ऐसे करें बचावः कम से कम तीन लीटर पानी पीएं, तेज धूप के दौरान ज्यादा देर बाहर न रहें, दूषित पानी और बासी भोजन के सेवन न करें। ये भी पढें
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नींद की कमी के भी लक्षण
तेज धूप और झुलसाने वाली गर्मी दिमाग पर भी असर डाल रही है। इससे बायपोलर डिसऑर्डर के मेनिया केस सामने आ रहे हैं। हमीदिया के मनो रोग विभाग की ओपीडी में ऐसे केस अप्रेल माह में 15 फीसदी तक बढ़े हैं। व्यक्ति तेज धूप के संपर्क में ज्यादा रहता है तो इस तरह के मामले बढ़ते हैं। गांधी मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचि सोनी का कहना है कि इससे बचना है तो खुद को हाइड्रेट रखें, तेज धूप में ज्यादा देर से बचें। दवा समय पर खाएं और पर्याप्त नींद जरूर लेना चाहिए।
एकाएक गर्मी बढ़ने से बढ़ी पेट की समस्या
जेपी के अधीक्षक व सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि एकाएक गर्मी बढ़ने से पेट की समस्याओं और बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वायरल फीवर की वजह से मरीज की भूख खत्म होने के साथ डिहाइड्रेशन हो रहा है।