सेमीनार में लिया गया फैसला
इस प्रस्ताव पर बात करने के लिए मुल्ला रमुजी संस्कृति भवन में स्टेकहोल्डर सेमीनार का आयोजन कराया गया था। इस सेमीनार में एमपी सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, विभाग प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी समेत कई लेखक, साहित्यकार ग्रंथालयों के प्रमुख मौजूद थे। सेमिनार के दौरान मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत और नेचुरल ब्यूटी के लिए प्रसिद्ध भोपाल को विश्व की साहित्य नगरी के रूप में पहचान दिलाई जाएगी। इससे स्थानीय साहित्य और साहित्यकारों को वैश्विक मंच मिलेगा। वहीं संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा कि यूनेस्को ने साहित्य के क्षेत्र में केरल के कोझिकोड शहर को अपने क्रिएटिव सिटी नेटवर्क का किस्सा बनाया है। इसी तरह भोपाल भी देश का दूसरा शहर हो सकता है।
एमपी में जीरो डिग्री पहुंचा तापमान, यहां जमीन पर जमी बर्फ, वीडियो कर देगा हैरान क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में किन श्रेणियों में मिलती है मान्यता ?
यूनेस्को द्वारा क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में शहरों को सात श्रेणियों में मान्यता दी जाती है। इसमें शिल्प और लोक कला (crafts and folk arts), रचना (composition), फिल्म, पाक कला (culinary arts), साहित्य, संगीत और मीडिया आर्ट शामिल है।
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल राजा भोज से लेकर कई बड़े लेखक और साहित्यकारों का जन्म स्थान और रहवास रहा है। भोपाल में करीब 20 पद्मश्री लेखक और साहित्यकार रहते हैं। संस्कृति और पर्यटन विभाग की ओर से तैयार डोजियर में इन्हीं सब तथ्यों को बताया गया है कि कैसे भोपाल सदियों से अन्य शहरों की तरह साहित्य का गढ़ बना रहा है।