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भोपाल

खाद्य आपूर्ति ने 53 प्रकरण दर्ज, खाद्य औषधी ने 700 जांच की

ग्राहक हैं तो आपने हक को जानें भोपाल. अपनी जरूरतों और शौक को पूरा करने के लिए हम विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के लिए शुल्क चुकाते हैं, लेकिन कई बार हमें जो वादा किया गया। वैसा उत्पाद या सेवा नहीं मिलती है। ऐसे में हमें अपने अधिकारों के बारे में जानना और उनका उपयोग करना […]

भोपालDec 29, 2024 / 05:27 pm

देवेंद्र शर्मा

ग्राहक हैं तो आपने हक को जानें

भोपाल. अपनी जरूरतों और शौक को पूरा करने के लिए हम विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के लिए शुल्क चुकाते हैं, लेकिन कई बार हमें जो वादा किया गया। वैसा उत्पाद या सेवा नहीं मिलती है। ऐसे में हमें अपने अधिकारों के बारे में जानना और उनका उपयोग करना आवश्यक है। उपभोक्ताओं के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए तय सरकारी एजेंसियों की बात करें तो खाद्य आपूर्ति ने बीते डेढ़ साल में 53 प्रकरण दर्ज कर 75 लाख रुपए जुर्माना किया, जबकि खाद्य एवं औषधी ने 700 प्रकरण दर्ज किए। 100 सैंपल फेल हुए।
नौ खाद्य सुरक्षा अधिकारी, प्रतिमाह एक इंसपेक्टर पर पांच सैंपल का टार्गेट

  • जिले में 09 खाद्य सुरक्षा अधिकारी है जिनका प्रतिमाह 45 सैंपल लेने का नियम है। बीते एक साल में विभाग ने 700 सैंपल लिए। इनमें से 100 सैंपल फेल हुए, जिनपर मामला दर्ज कर कोर्ट में दिया गया। इस विभाग पर शहर में 500 होटल्स समेत करीब 5000 खानपान स्टॉल्स के यहां जांच का जिम्मा है।
ऐसे समझे उपभोक्ताओं से सीधे जुड़े विभागों की स्थिति
  • खाद्य एवं आपूर्ति बीते डेढ़ साल में शहर में 53 प्रकरण दर्ज किए गए। इनमें से आठ मामले कोर्ट में भेजे गए। इनसे 75 लाख रुपए की वसूली की।
  • खाद्य एवं औषधी प्रशासन की ओर से बीते एक साल में 700 सैंपल लिए गए। इनमें से 100 सैंपल फेल हुए, जिनपर जुर्माने की कार्रवाई की। जिले में नौ खाद्य सुरक्षा अधिकारी है। प्रतिमाह महज पांच सैंपल का लक्ष्य दिया हुआ है।
  • नापतौल विभाग में महज तीन इंसपेक्टर है। एक रायसेन के इंसपेक्टर को भोपाल में जांच का जिम्मा दिया है। प्रतिमाह 15 दुकानों पर नातपौल उपकरण जांच कर काम चल जाता है।
कंज्यूमर के मूलभूत अधिकार
  • सुरक्षित उत्पाद और सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार है।
  • उत्पाद और सेवाओं के बारे में स्पष्ट और सटीक जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है।
  • अपनी पसंद के अनुसार उत्पाद और सेवाएं चुनने का अधिकार है।
  • शिकायतों का निवारण करने का अधिकार है।
  • अपनी बात रखने और सुनवाई का अधिकार है।
  • किसी भी प्रकार की हानि या नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति का अधिकार है।
  • वाद-विवाद समाधान के लिए मध्यस्थता या सुलह का अधिकार है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षण का अधिकार है।
  • अन्याय के विरुद्ध लडऩे का अधिकार है।
कंज्यूमर ऐसे करें शिकायत:
  • जिला कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रेड्रेसल कमीशन 20 लाख रुपये तक के मामलों की सुनवाई करती है।
  • राज्य कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रेड्रेसल कमीशन 20 लाख रुपये से अधिक के मामलों की सुनवाई करती है।
  • राष्ट्रीय कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रेड्रेसल कमीशन राज्य कंज्यूमर कोर्ट के फैसलों के खिलाफ अपील सुनती है।
  • कंज्यूमर कोर्ट की वेबसाइट पर जाएं: कंज्यूमर कोर्ट की वेबसाइट पर जाएं और ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के लिए आवश्यक जानकारी भरें।
शिकायत करने की प्रक्रिया:
  • शिकायत पत्र में अपनी समस्या का विवरण, उत्पाद या सेवा का विवरण और अपने अधिकारों के बारे में जानकारी दें।
  • शिकायत पत्र के साथ संबंधित दस्तावेज जैसे कि उत्पाद की रसीद, वारंटी कार्ड, और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज इक_ा करें।
  • शिकायत पत्र और संबंधित दस्तावेजों के साथ कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दर्ज करें।
कोट्स
टीमों को नियमित जांच व कार्रवाई के निर्देश दिए हुए हैं। हमारी टीम छापामार कार्रवाई कर गड़बडिय़ों को सामने लाती है। इसमें कोर्ट में प्रकरण भी दिया जाता है।
  • मीना मालाकार, जिलाधिकारी, खाद्य एवं आपूर्ति

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