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जेईई एडवांस्ड 2025 लगातार बदलती गाइडलाइन्स से छात्रों में निराशा, नई शर्तों ने बढ़ाई मुश्किलें

अब जोसा की सीट छोड़ी तो दोबारा परीक्षा का मौका नहीं
-एक्सपर्ट की राय-पेन्टी का सिस्टम रखना चाहिए, लेकिन परीक्षा में शामिल न होने देना का निर्णय गलत

भोपालDec 12, 2024 / 01:17 pm

Uma Prajapati

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भोपाल. देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा, जेईई मेंस और एडवांस्ड, से जुड़ी गाइडलाइन्स में बार-बार बदलाव हो रहे हैं, जिससे छात्रों में असमंजस और निराशा बढ़ती जा रही है। हाल ही में जारी हुए एक नए आदेश ने छात्रों की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है। इस नए नियम के अनुसार, जो छात्र जोसा (ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी) 2024 की प्रक्रिया के माध्यम से किसी भी आईआईटी, एनआईटी, या अन्य केंद्रीय संस्थान में सीट लेने के बाद प्रवेश नहीं लेते हैं, तो वे अब जेईई एडवांस्ड 2025 में दौबारा शामिल नहीं हो सकेंगे। हालांकि एक्सपर्ट के अनुसार छात्र-छात्राओं को परीक्षा में शामिल होने के लिए कम से कम दो मौके सभी परीक्षाओं में मिलते हैं, छात्रों को एक और मौका तो मिलना ही चाहिए। इस तरह किसी छात्र से परीक्षा का अधिकार छीनना गलत हैं। हां ऐसे छात्रों पर कुछ पेंनटी लगाई जा सकती है।

-पहले से ही हो रहे बदलाव


इससे पहले जेईई परीक्षा के लिए प्रयासों की संख्या को लेकर भी गाइडलाइन्स में बदलाव किए गए थे। पहले, छात्रों को इस परीक्षा में तीन बार बैठने का अवसर दिया गया था, लेकिन इस नियम को निरस्त कर केवल दो प्रयासों तक सीमित कर दिया गया। बार-बार बदले जा रहे इन नियमों ने छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच अनिश्चितता और चिंता को और गहरा कर दिया है।

छात्रों पर असर


अधिकार सीमित होने का डर- नई गाइडलाइन से उन छात्रों पर सीधा असर पड़ेगा जो अपनी पहली पसंद के आईआईटी में जगह पाने के लिए जेईई एडवांस्ड में दोबारा प्रयास करना चाहते थे।
उम्मीदों पर पानी- कई छात्रों ने इस आशा में जोसा 2024 के तहत किसी कम प्राथमिकता वाले संस्थान में दाखिला नहीं लिया था कि वे अगले साल अपनी रैंक सुधारकर बेहतर संस्थान में प्रवेश लेंगे। अब उनके लिए यह मौका खत्म हो गया है।
मानसिक तनाव में वृद्धि-बार-बार नियम बदलने से परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है। उन्हें यह समझने में कठिनाई हो रही है कि अपनी रणनीति को कैसे तैयार करें।
शिक्षा विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम छात्रों की सीमित कोशिशों को बढ़ावा देने और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया हो सकता है, लेकिन इससे उन प्रतिभाशाली छात्रों के अवसर खत्म हो जाएंगे जो दूसरी बार बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। विशेषज्ञों ने इस नीति पर पुनर्विचार करने की अपील की है ताकि छात्रों की आकांक्षाओं का सम्मान हो सके।

-प्रिपरेटरी कोर्स के छात्रों को मिलेगी छूट


यह परीक्षा का आयोजन इस बार भी आईआईटी कानपुर द्वारा ही किया जाएगा। गाइडलाइन के अनुसार सत्र 2024 में प्रिपरेटरी कोर्स ज्वाइन करने वाले छात्रों को जेईई एडवांस्ड 2025 में शामिल होने का अवसर मिलेगा। यह छूट केवल उन्हीं छात्रों के लिए होगी जिन्होंने प्रिपरेटरी कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है और आईआईटी में अपनी पढ़ाई जारी रखने के इच्छुक हैं।
नए नियमों का मुख्य उद्देश्य है कि सीटों का दुरुपयोग न हो और छात्रों में पढ़ाई के प्रति गंभीरता बनी रहे। आईआईटी और एनआईटी में प्रवेश एक विशेषाधिकार है और इस निर्णय से छात्रों को शिक्षा की महत्ता को समझने का अवसर मिलेगा। लेकिन छात्रों को एक और मौका मिलना चाहिए। इस छात्रों के अधिकार की बात है।
अजय श्रीवास्तव, प्लेसमेंट अधिकारी, ट्रिपलआईटी

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