-पहले से ही हो रहे बदलाव
इससे पहले जेईई परीक्षा के लिए प्रयासों की संख्या को लेकर भी गाइडलाइन्स में बदलाव किए गए थे। पहले, छात्रों को इस परीक्षा में तीन बार बैठने का अवसर दिया गया था, लेकिन इस नियम को निरस्त कर केवल दो प्रयासों तक सीमित कर दिया गया। बार-बार बदले जा रहे इन नियमों ने छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच अनिश्चितता और चिंता को और गहरा कर दिया है।
छात्रों पर असर
अधिकार सीमित होने का डर- नई गाइडलाइन से उन छात्रों पर सीधा असर पड़ेगा जो अपनी पहली पसंद के आईआईटी में जगह पाने के लिए जेईई एडवांस्ड में दोबारा प्रयास करना चाहते थे।
मानसिक तनाव में वृद्धि-बार-बार नियम बदलने से परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है। उन्हें यह समझने में कठिनाई हो रही है कि अपनी रणनीति को कैसे तैयार करें।
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम छात्रों की सीमित कोशिशों को बढ़ावा देने और संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया हो सकता है, लेकिन इससे उन प्रतिभाशाली छात्रों के अवसर खत्म हो जाएंगे जो दूसरी बार बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। विशेषज्ञों ने इस नीति पर पुनर्विचार करने की अपील की है ताकि छात्रों की आकांक्षाओं का सम्मान हो सके।
-प्रिपरेटरी कोर्स के छात्रों को मिलेगी छूट
यह परीक्षा का आयोजन इस बार भी आईआईटी कानपुर द्वारा ही किया जाएगा। गाइडलाइन के अनुसार सत्र 2024 में प्रिपरेटरी कोर्स ज्वाइन करने वाले छात्रों को जेईई एडवांस्ड 2025 में शामिल होने का अवसर मिलेगा। यह छूट केवल उन्हीं छात्रों के लिए होगी जिन्होंने प्रिपरेटरी कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है और आईआईटी में अपनी पढ़ाई जारी रखने के इच्छुक हैं।
अजय श्रीवास्तव, प्लेसमेंट अधिकारी, ट्रिपलआईटी