प्रस्ताव ही नहीं भेजा
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि इस बार मध्यप्रदेश सरकार ने अब तक मूंग दाल ख़रीदी का प्रस्ताव ही केंद्र सरकार को नहीं भेजा है। उनका कहना है कि मूंग खरीदी के लिए राज्य सरकार हर साल केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजती है जिसपर केंद्र कोटा तय करता है। इसके बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीदी शुरु की जाती है। कमलनाथ ने इस संबंध में ट्वीट भी किया। उन्होंने अपने एक्स हेंडल पर लिखा- मध्य प्रदेश में मूंग दाल की ख़रीदी को लेकर प्रदेश सरकार का रवैया टालमटोल करने वाला है। हर साल राज्य सरकार केंद्र सरकार को मूंग दाल ख़रीदी का प्रस्ताव भेजती है और फिर उसके बाद केंद्र और राज्य का कोटा तय होकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीदी की जाती है।
यह अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि इस बार मध्य प्रदेश सरकार ने अब तक मूंग दाल ख़रीदी का प्रस्ताव ही केंद्र सरकार को नहीं भेजा है। सरकार ने आधिकारिक तौर पर यह भी नहीं बताया है कि मूंग दाल की ख़रीद क्यों नहीं की जा रही है?
प्रदेश के किसान मूंग दाल बेचने के लिए परेशान हो रहे हैं और सरकार की इस उपेक्षा के कारण उन्हें मजबूरन बाज़ार में बहुत कम दाम पर दाल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।
केंद्र और राज्य सरकार के बीच संवादहीनता कि यह स्थिति प्रदेश के लाखों मूंग उत्पादक किसानों के लिए ख़तरनाक बनती जा रही है। मैंने पूर्व में भी अनुरोध किया था और फिर आग्रह कर रहा हूँ कि अपने ही राज्य के किसानों के प्रति इतना निर्दयी, उपेक्षापूर्ण और क्रूर व्यवहार अत्यंत निंदनीय है। सरकार को तुरंत टालमटोल छोड़कर मूंग दाल ख़रीद सुनिश्चित करनी चाहिए।
इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मूंग खरीदी को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री से चर्चा करने की बात कही थी। उन्होंने राज्य सरकार को किसानों के प्रति संवेदनशील सरकार बताते हुए सभी मामले संवाद के माध्यम से हल करने की बात कही।