scriptअब छोटे अपराध अपराधमुक्त, फाइन की जगह देनी होगी पेनाल्टी | Madhya Pradesh Public Trust Provision Amendment Bill passed | Patrika News
भोपाल

अब छोटे अपराध अपराधमुक्त, फाइन की जगह देनी होगी पेनाल्टी

गुरुवार को विधानसभा ने MP Public Trust Provision Amendment Bill 2024 को मंजूरी दी।

भोपालDec 20, 2024 / 09:47 am

Avantika Pandey

MP Public Trust Provision Amendment Bill passed
प्रदेश में ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने अब छोटे अपराधों को अपराध मुक्त व दंड को युक्तिसंगत बनाने लिए 8 कानूनों में संशोधन किए गए हैं। नए प्रावधानों के तहत अब कैद या जुर्माना की बजाय शास्ति या पेनाल्टी लगेगी। कुछ मामलों में पेनाल्टी कई गुना बढ़ी है। अब ये मामले कोर्ट नहीं जाएंगे। प्रशासन पेनाल्टी लगा मामला सुलझाएगा। गुरुवार को विधानसभा ने मप्र जन विश्वास उपबंधों का संशोधन विधेयक 2024 को मंजूरी दी। केंद्र के जनविश्वास अधिनियम 2023 से प्रेरित होकर, मप्र ऐसा करने वाला पहला राज्य बन बन गया।
ये भी पढें -भोपाल डबल मर्डर केस, ASI ने निर्भया जैसी की दरिंदगी, पत्नी-साली के प्राइवेट पार्ट पर चाकू से वार

यह विधेयक 5 विभागों औद्योगिक नीति व निवेश प्रोत्साहन, ऊर्जा, सहकारिता, श्रम और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के तहत राज्य के 8 कानूनों की 64 धाराओं में संशोधन किया है। इसमें कैद को दंड/जुर्माना में बदला है। दंड/जुर्माना (फाइन) को शास्ति या पेनाल्टी में बदला, कंपाउंडिंग का प्रावधान लागू किया। कई धाराएं हटाई। इससे न्यायालयीन प्रकरण्ण कम होंगे।
ये भी पढें – खुशखबरी, एमपी से गोवा के लिए डायरेक्ट ट्रेन

यह होंगे लाभ

-नियामक ढांचे सरल, व्यापार व व्यक्तियों के लिए पालन आसान।
-अदालतों का भी बोझ घटेगा
-निवेश बढ़ाने के लिए बिजनेस फ्रेंडली माहौल बनेगा, उद्यम को बढ़ावा, आर्थिक विकास।
-शास्तियों को उचित, अनुपातिक और प्रभावी बनाने तर्कसंगत बनाएंगे।
-नियमों-कानूनों के पालन और प्रवर्तन प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करने से प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी।

यह हुए संशोधन

  • सहकारिता सोसायटी अधिनियम में संशोधन कर सोसायटी के सदस्यों की अनियमितताओं के लिए अब 25 हजार तक की पेनाल्टी रजिस्ट्रार लगा सकेंगे। यह केस कोर्ट में नहीं जाएंगे। पहले 50 हजार रुपए तक जुर्माना था।
  • बिना अनुमति नगरीय क्षेत्र में भूस्वामी की अनुमति के बिना दीवार लेखन या पर्चा चस्पा किया तो अब पांच हजार रुपये अर्थदंड लगेगा।
  • विद्युत शुल्क अधिनियम के तहत कैप्टिव पावर प्लांट लगाने वाले व्यक्तियों को उत्पादन और खपत का लेखा-जोखा रखना होता है और इसका लेखा-जोखा प्रस्तुत नहीं करने पर पांच हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान था। इसे अब पांच हजार रुपये पेनाल्टी कर दिया है।
  • नगर पालिक निगम अधिनियम में यह संशोधन किया है कि पानी की नाली या सड़क को अपने उपयोग के लिए क्षतिग्रस्त किया या फिर निजी भूमि पर मार्ग के लिए चूने की लाइन डालकर प्लाटिंग की जाती है तो अर्थदंड पांच सौ के स्थान पर पांच हजार रुपये लगेगा।
  • नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की उस धारा को हटाया गया है जिसके तहत किसी भूमि या भवन में अधिकारी के प्रवेश को रोकने पर 3 महीने तक के सादा कारावास की सजा का प्रावधान था।

इन आठ कानूनों में किए संशोधन

– मप्र नगरपालिक निगम अधिनियम 1956
– मप्र नगरपालिका अधिनियम 1961
– मप्र नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973
– मप्र विद्युत शुल्क अधिनियम 2012
– मप्र सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960
– मप्र असंगठित कर्मकार कल्याण अधिनियम 2003
– मप्र औद्योगिक संबंध अधिनियम 1960
– मप्र सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973

विपक्ष ने उठाई आपत्तियां

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधेयक पर बहस कराने और प्रवर समिति को भेजने का सुझाव दिया। बोले-कानून में पेड़ काटने की मंजूरी ननि आयुक्त से लेनी पड़ेगी। आम लोगों के लिए संभव नहीं। अफसरों को पावर देने से भ्रष्टाचार बढ़ेगा। छोटा मामला है यह कैसे तय होगा, स्पष्ट नहीं है। पेनाल्टी 500 से बढ़ाकर सीधा 5 हजार रुपए की गई है, यह गरीबों के लिए देना संभव नहीं होगा।

Hindi News / Bhopal / अब छोटे अपराध अपराधमुक्त, फाइन की जगह देनी होगी पेनाल्टी

ट्रेंडिंग वीडियो