मृतकों में ग्वालियर के टेकनपुर निवासी कामता पाल, रायसेन के गैरतगंज के मोहनलाल अहिरवार (45) और इटारसी उमेश सराठे (48) की मौत की पुष्टि परिजन ने की। वहीं छतरपुर की सुनवाहा गांव की रहने वाली हुकुम बाई लोधी परिवार के 15 लोगों के साथ महाकुंभ में स्नान करने आई थीं। भगदड़ में उनकी मौत हो गई, जबकि बेटी दीपा (19) घायल हुईं। बकस्वाहा के बुजुर्ग दपंती हरि साहू (58) और शकुंतला (55) एक अन्य लापता हैं। इधर, चित्रकूट के तरौहा के एक व्यक्ति ने बहनोई चंद्रपाल कुशवाहा की मौत की जानकारी दी।
पुलिस ने गाली देकर भगाया
पत्रिका से बातचीत में छतरपुर की लक्ष्मी ने बताया कि पुलिस वालों की वजह से देवरानी हुकुमबाई की मौत हुई। 11 बजे रात पुलिस आई और लाठी से जगाया और कहा जाओ डुबकी ले लो। हमने मना किया कि हम सुबह डुबकी लेंगे या दोपहर में। लेकिन पुलिस वालों ने गाली देकर भगा दिया। हम जैसे ही नहाने के लिए आगे बढ़े तभी कुछ लोग सामने से भागते हुए आए और धक्कामुक्की करने लगे। देवरानी का हाथ उनकी बेटी से छूटा और वो दोनों नीचे गिर गए और वहीं देवरानी की मौत हो गई।
क्या है संगम नोज
संगम नोज पर ही यमुना, गंगा और और अ²श्य सरस्वती का मिलन होता है। इस स्थान को कुंभ स्नान के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। इस जगह का आकार नोज (नाक) की तरह है। यहां सबसे आगे तिकोने क्षेत्र में बने घाट पर लोग सबसे ज्यादा पहुंचते हैं। हर बार कुंभ में इस क्षेत्र में घाट का आकार बढ़ा दिया जाता है। इस बार यहां दो लाख लोगों के प्रतिघंटे स्नान की व्यवस्था की गई थी।
क्यों मची भगदड़
1.ब्रह्म मुहूर्त में नहाने के लिए घाट पर रात में ही कब्जा। 2.हर कोई करना चाहता था त्रिवेणी में स्नान, बैरिकेटिंग तोड़ी। 3.वीआइपी मूवमेंट के कारण बार-बार रास्ते बंद होने से खीज। 4.नहाने के बाद निकलने का अलग रास्ता जाम होने से ऊहापोह।
इन पर हो अमल
टाइम स्लॉट: कुंभ में आने वाला व्यस्त संगम नोज पहुंचकर मुहूर्त का इंतजार करता है। ऐसे में टाइम स्लॉट लागू कर लोगों को भेजें। बेरिकेडिंग: पौराणिक महत्व के कारण संगम नोज पर बेरिकेडिंग नहीं की जाती। भीड़ को रोकने के लिए बेरिकेडिंग हो।
अन्य घाटों का प्रचार
लोग सिर्फ संगम नोज का महत्व जानते हैं। अन्य घाटों के महत्व के बारे में जानकारी दें। प्रयागराज में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोका
रीवा. मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में शाही स्नान करने के लिए पहुंची करोड़ों की भीड़ में मची भगदड़ के बाद प्रयागराज में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया है। रीवा और सतना के करीब 10 से ज्यादा ह्रश्ववॉइंट पर हजारों वाहनों को खड़ा कराकर श्रद्धालुओं से जो जहां हैं वहीं रुकने की अपील की जा रही। रीवा के चाकघाट बार्डर में करीब 30 किमी लंबा जाम है तो सतना के चित्रकूट बॉर्डर पर कई जगह वाहन खड़े कराए गए हैं। अधिकारियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। यात्रियों के लिए खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था कराई जा रही। सुरक्षा व्यवस्था के चलते रेलवे प्रशासन ने मंगलवार को आनंद विहार से रीवा आने वाली और रीवा से आनंद विहार जाने वाली ट्रेन को रद्द कर दिया गया था। इधर छतरपुर में महाकुंभ जाने वाली ट्रेनों पर पथराव के चलते आंबेडकर नगर-प्रयागराज को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया गया है। रेलवे स्टशनों पर जिला पुलिस बल की टीम को 24 घंटे के लिए तैनात किया गया है।
एक लाख से अधिक श्रद्धालु फंसे
प्रयागराज जा रहे श्रद्धालुओं को चाकघाट बॉर्डर पर रोक दिया गया था। यहां करीब एक लाख श्रद्धालु फंस गए थे। प्रशासन ने कुंभ यात्रियों के लिए रैन बसेरा बनाया था, जो कम पड़ गया। श्रद्धालुओं की संख्या देख समीप ही स्थित विवाह घर को खुलवाया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों को ठहराया गया है। साथ ही अलग-अलग स्थानों पर उनके रुकने की व्यवस्था कराई गई है।