इस बार का बजट सत्र रहेगा सबसे छोटा, विपक्ष के सवालों से घिरी मोहन सरकार
MP Budget Session 2025: मध्यप्रदेश विधानसभा में इस बार सबसे कम अवधि का है बजट सत्र, वित्तीय वर्ष की तुलना में बढ़ेगा बजट का आकार, विधानसभा सत्र छोटा करने पर विपक्ष ने सरकार को घेरा
MP Budget Session 2025: विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने को लेकर लगातार चर्चा होती रहती है। बैठकों की कम होती संख्या पर चिंता भी जताई जाती रही है, लेकिन इसके विपरीत सत्र की अवधि बढऩे के बजाय कम होती जा रही है। इस बार का बजट सत्र सबसे कम अवधि का होने वाला है। यह पिछले 25 वर्ष में सबसे कम अवधि का है। अवधि बढ़ाने को लेकर विपक्षी दल के विधायक राज्यपाल से मुलाकात कर आग्रह कर चुके हैं, लेकिन सकारात्मक परिणाम फिलहाल सामने नहीं आए हैं।
विपक्ष का तर्क है कि बजट सत्र की अवधि कम होने से महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा नहीं हो पाती। सवाल भी अधूरे रहते हैं। बजट राज्य के लिए अहम होता है। 10 मार्च से शुरू हो रहा यह बजट सत्र भी अहम है। अहम इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि इसी सत्र में राज्य सरकार सदन में बजट पेश करेगी।
विपक्ष ने मोहन सरकार को घेरा
बजट का आकार पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में बढ़ेगा। 15 दिवसीय सत्र में कुल 9 बैठकें प्रस्तावित हैं। इन्हीं 9 दिन में सरकार बजट पेश करेगी और विभागवार बजट पर चर्चा भी करा लेगी। इसका टाइम मैनेजमेंट कैसे होगा, इसको लेकर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। तर्क है कि इसी सत्र में विधायकों के अहम सवाल भी होंगे, विधेयक भी सरकार पेश करेगी। इन पर कैसे चर्चा हो सकेगी?
दिग्विजय सिंह सरकार में 52 दिन का सत्र
वर्ष 1999 में दिग्विजय सिंह सरकार के समय सबसे ज्यादा 52 दिन का बजट सत्र रहा। इस दौरान 31 बैठकें हुईं। 2015 में शिवराज सरकार के दौरान बजट सत्र की अवधि 24 दिन थी। इस दौरान केवल सात बैठकें हुईं। 2024 में मोहन सरकार के बजट सत्र की अवधि 14 दिन की थी, लेकिन महज पांच बैठकें हुईं। इनमें सरकारी काम-काज निपटाने के साथ बजट भी पारित हो गया। अब 10 मार्च से 24 मार्च तक बजट सत्र प्रस्तावित है। इस दौरान 9 बैठकें प्रस्तावित हैं।