ट्रेनिंग से लौट आया घर
मामले की परतें खुली तो पता चला कि विदिशा जिले का रहने वाला यह कांस्टेबल 2011 में भर्ती हुआ था। ट्रेनिंग के बाद उसे पुलिस लाइन में पदस्थ किया और फिर सागर ट्रेनिंग के लिए भेजा गया, लेकिन सागर में ड्यूटी करने के बजाए घर चला गया, और अपनी सर्विस बुक स्पीड पोस्ट से वापस पुलिस लाइन भेज दी। जिसे वहां के अधिकारियों ने रख तो लिया, लेकिन किसी ने नहीं देखा कि वह कांस्टेबल कहां है और ड्यूटी कर रहा है या नहीं। इसमें हैरानी वाली बात तो यही है कि 12 साल में कोई अफसर या अधिकारी गड़बड़ी को पकड़ नहीं पाया।
कैसे खुली कांस्टेबल की पोल
जानकारी के मुताबिक यह मामला सामने जब आया तब डीजीपी ने लंबे समय से एक ही जगह पदस्थ पुलिसकर्मियों के तबादले के आदेश दिए और सभी पुलिसकर्मियों का रिकॉर्ड डिजिटल करने को कहा है।
पूरे मामले में डीसीपी हेडक्वार्टर श्रद्धा तिवारी ने बताया कि मामले की जांच एसीपी अंकिता खतारकर को सौंपी है। रिपोर्ट आने पर कांस्टेबल और जिमेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।