सरकार डेस्टिनेशन कैबिनेट के लिए प्रदेश के ऐसे पवित्र स्थलों की सूची तैयार करा रही है। सरकार का मानना है कि ये धार्मिक और पर्यटन स्थल प्रदेश के विकास की रीढ़ हैं। ये पहले से ही प्रसिद्ध हैं, लेकिन नए प्रयासों से लोगों को इन्हें और करीब से जाने का मौका मिलेगा। स्थानीय विकास को गति मिलेगी। क्षेत्रीय जनभावनाओं का समान होगा। नई पीढ़ी भी इन ऐतिहासिक स्थानों से रूबरू होगी।
4 डेस्टिनेशन कैबिनेट हो चुकी
डेढ़ साल के कार्यकाल में मोहन सरकार चार डेस्टिनेशन कैबिनेट बैठक कर चुकी है। रानी दुर्गावती से जुड़े प्रसिद्ध स्थल दमोह के सिंग्रामपुर से शुरुआत की। फिर देवी अहिल्या बाई होलकर की याद में महेश्वर और इंदौर में राजबाड़ा में बैठक की। चौथी आदिवासी राजा भभूतसिंह से जुड़े पचमढ़ी में की। डेस्टिनेशन कैबिनेट वाली सूची में ये नाम संभावित
- पीतांबरा शक्ति पीठ: देशभर के लोग आते हैं। इस शक्ति पीठ से हमेशा ही जन कल्याण के काम होते रहे हैं।
- भोजपुर मंदिर: भगवान शिव का ऐतिहासिक विशालकाय शिवलिंग है। हजारों श्रद्धालु यहां वर्ष में आते रहे हैं।
- महू का जानापाव : भगवान परशुराम और भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा है। इसे विकसित कराया जा रहा है। यहीं परशुराम ने भगवान श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र भेंट किया था।
- अमरकंटक और मुलताई: प्रदेश की दो प्रमुख नदियां नर्मदा व ताप्ती के उद्गम स्थल हैं। दोनों का जिक्र वेद-पुराणों में मिलता है। इनकी परिक्रमा का अपना महत्त्व है।
- ओंकारेश्वर : पवित्र स्थलों में से एक है। यहां ज्योर्तिनिंग है। आचार्य शंकर ने यहीं से दुनिया भर में एकात्मता का संदेश दिया। उक्त स्थल को भव्य रूप दिया जा रहा है।
- हनुवंतिया : यह टापू वाटर एडवेंचर का प्रतीक बन गया है। पर्यटन की दृष्टि से एक हब के रूप में विकसित हुआ। नोगों के लिए रोजगार का जरिया बन रहा है।
- सलकनपुर देवी धाम : राजधानी भोपाल से लगे सीहोर जिले में यह श्रद्धा का बड़ा केंद्र है। सरकार यहां देवी लोग का निर्माण करवा रही है। इस धाम की अनूठी महिमा है।
ऐतिहासिक स्थलों पर बढ़ेंगे रोजगार के मौके
प्रदेश के जिन स्थलों को वर्षों से इतिहास के पन्नों में पढ़ा जा रहा है, सरकार की मंशा उन स्थलों तक पहुंचकर वहां बैठकें करने की भी है। सरकार चाहती है कि जब उक्त स्थलों पर कैबिनेट बैठक की तारीखें तय होंगी, उस दिन से लेकर बैठक होने तक संबंधित स्थल की पूछ-परख बढ़ेगी। फिर यह जारी रहेगा। इससे यहां के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ेगा। छोटे रोजगार पनपेंगे, लोकल में ही रोजगार के मौके मिलेंगे।