ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट को लेकर घेरा
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2025 को लेकर कहा कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में भारी-भरकम निवेश प्रस्तावों पर घोषणा हुई, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि कितने प्रस्ताव धरातल पर उतरे हैं। आगे सिंघार ने निशाना साधते हुए कहा कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट विकास का मंच है या सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट का तमाशा।
दावोस से गायब हुआ एमपी
नेता प्रतिपक्ष ने आगे निशाना साधते हुए कहा कि विश्व आर्थिक मंच दावोस 2025 के कई राज्यों को आमंत्रित किया गया, लेकिन मध्यप्रदेश को नहीं। महाराष्ट्र को वहां 15 लाख करोड़ के प्रस्ताव के निवेश मिले। जब दुनिया के सामने खुद को रखने का मौका था, तब एमपी से नदारद क्यों। वहीं, आउटलुक बिजनेस की मार्च 2025 की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश स्टार्टअप आउट परफॉर्मर रैंकिंग में 15 वें स्थान पर रहा। भोपाल और इंदौर जैसे शहर बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई से कोसों दूर हैं। जब युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा, तो वह पलायन करेंगे ही।
एमपी में निवेश का हाल ऐसा…
सिंघार ने एक्स पर तंज कसते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश में निवेश का हाल ऐसा है जैसे शादी के कार्ड बंट गए, मंडप सज जाए, स्टेज सज जाए लेकिन दूल्हा ही नहीं आया। ₹30 लाख करोड़ के वादे, 0.22% FDI, MSME को ठनठन गोपाल बजट, स्टार्टअप्स में 15वें नंबर पर, और WEF ने तो बुलाना भी ज़रूरी नहीं समझा। भोपाल-इंदौर बस ख्वाब देखते रह गए, जबकि मुंबई, बैंगलोर, दिल्ली और चेन्नई में कंपनियाँ लाइन लगाये है। घोषणाओं के मेले लगते हैं, पर ज़मीन पर विकास ऐसे गायब है, जैसे सरकारी नौकरी का फ़ॉर्म भरने के बाद रिजल्ट।