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कश्मीर मामले में अमेरिका की मध्यस्थता मंजूर नहीं जवाहर आम बाग पचास साल पुराना
गोविंदपुरा आइटीआई के पास भेल का जवाहर आम बाग है। इसमें हापुस आम से लेकर पीटर इंग्लैंड जैसी करीब बीस से अधिक प्रजाति के आम होते हैं। यहां के आम मुंबई, बैग्लोर, पुणे सहित कई शहरों में जाते हैं। बाग की देखभाल करने वाले नवाब खां ने बताया कि जवाहर आम बाग पचास साल पुराना है। इस बार आम की पैदावार अच्छी हुई है। यहां के आम देश ही नहीं चीन, जापान और खाड़ी देशों तक जाते हैं। भारत के खिलाफ होने वाले तुर्की(Boycott Türkiye) के लिए इस बाग से आम नहीं जाएंगे।
बाग में पीटर इंग्लैण्ड सहित आम की 20 प्रजातियां
आम की खरीदी के लिए भेल क्षेत्र से सबसे ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। भेल निवासी कृष्णकांत के मुताबिक इतनी वैराइटी कहीं और नहीं है। यहां पीटर इंग्लैण्ड, नरगिस, आम्रपाली, कृष्णभोग, जाफरान कोहिनूर, डालर, महाराजा, दय्यड, हिमसागर, मलका, कैंसर जैसी आम की कई वैराइटी हैं। पचास एकड़ में करीब पांच सौ पेड़ः यह बाग भेल ने विकसित किया है। यहां करीब पचास एकड़ में करीब पांच सौ आम के पेड़ हैं। यह भेल कारखाने से यह सटा हुआ है, लेकिन अब बाग का दायरा पहले के मुकाबले कम हो गया है।