डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी घटना ट्रांसप्लांट वाले 30 प्रतिशत मरीजों के साथ होती है। डॉक्टरों के अनुसार बुधवार दोपहर करीब 12 बजे रिसीवर मरीज में ब्रेन डेड शंकरलाल कुबेर का हृदय प्रत्यारोपण शुरू हुआ दो बजे पूरा हो गया। सर्जरी के कुछ देर बाद ही हार्ट काम शुरू करने लगा था।
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इसके बाद मरीज को ओटी में ही अबजर्वेशन करने के लिए रखा गया, जहां रात के आठ बजे मरीज का शरीर प्रत्यारोपित हृदय को स्वीकार नहीं करने और हृदय पर इयूनिटी अटैक करने का संकेत देने लगा। डॉक्टरों ने रिजेक्शन की गति कम करने और इयूनिटी को कमजोर करने के लिए इलाज शुरू किया, लेकिन रात के 12 बजे मरीज की स्थिति खराब होने लगी और 4 बजे सुबह मौत हो गई।
शंकर लाल कुबरे का हुआ था अंगदान
शंकर लाल कुबरे 24 मई को सड़क हादसे में घायल हुए थे। उन्हें इलाज के लिए एम्स,भोपाल लाया गया। सोमवार रात उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। इसके बाद कुबरे के दोनों बेटों, बेटी और उनकी पत्नी ने अंगदान के लिए कहा। पत्नी ने कहा था-मेरे पति जाते-जाते किसी की जिंदगी बचा रहे हैं, तो यह गर्व की बात है।