सवाल यह है कि क्या 8 करोड़ आबादी वाले प्रदेश में 30 लाख को जागरूक करने से साइबर अपराध रुक जाएंगे? उन्होंने साइबर सुरक्षा और कार्रवाई से जुड़े कई सवाल किए। मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बाकायदा जवाब दिया। वहीं, पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने भी साइबर ठगी को गंभीर मामला बताया। सरकार से पूछा- हर साल इनके आंकड़े क्यों बढ़ रहे हैं? जवाब दें।
विधायक के सवाल पर मंत्री का जवाब
विधायक अभिलाष: एमपी में साइबर ठगी के 27 हजार केस में 1.30% ही निराकरण किया। मंत्री नरेंद्र: साइबर थाना भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर व सभी थानों में शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो रही है। विधायक अभिलाष: साइबर अपराध से निपटने के लिए कानून व संसाधनों की कमी है। मंत्री नरेंद्र: साइबर ठगी से लोगों को जागरूक करने राज्य साइबर सेल एडवाइजरी जारी करता है। डिजिटल अरेस्ट पर अलग से जागरूक कर रहे हैं। कुछ दिनों में पीडि़तों के क्र72 लाख लौटाए हैं।
विधायक अभिलाष: सख्त सजा का प्रावधान न होने से कानून का डर नहीं है। जनता में पुलिस के प्रति डर भी इसका कारण है। डिजिटल अरेस्ट से हजारों को नुकसान हो रहा है। शासन तुरंत कदम उठाए। डेटा चोरी पर भी कठोर कानून बनाएं।
मंत्री नरेंद्र: राज्य साइबर पुलिस ने 2017 से 2024 तक 314 ट्रेनिंग प्रोग्राम से 32384 पुलिस कर्मी-अफसरों को ट्रेनिंग दी है।
यह पत्रिका समूह की संवेदनशीलता, बदलाव निश्चित
पत्रिका ने जनअभियान बनाकर दिखाई संवेदनशीलता साइबर ठगी बड़ा मुद्दा है। इसे लेकर जागरुकता के लिए पत्रिका ने जनअभियान का रूप दिया है। यह पत्रिका समूह की संवेदनशीलता है। निश्चित तौर पर इस प्रयास से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा। – अभिलाष पांडे, विधायक, भाजपा