इन्हें स्कैन करते ही मूक-बधिरों को लाइव द्विभाषी मिलेगा, जो मूक- बधिर (Deaf and Dumb People) की समस्या को सुनकर, समझकर लाइव संबंधित अधिकारी, कर्मचारी को बताएगा। आमतौर पर मूक-बधिरों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जब उनके साथ कोई द्विभाषी नहीं होता, तब उनके साथ संवाद करना मुश्किल होता है। ऐसे में वे किसी कार्यालय में जाते हैं तो मदद नहीं मिल पाती। क्यूआर कोड के जरिए इसका समाधान किया जाएगा।
डेमो में बताया तरीका
मूक-बधिरों के लिए इस सेवा की शुरुआत आज बुधवार से हो गई। राजधानी भोपाल में पत्रकार कॉलोनी स्थित सामाजिक न्याय विभाग के कार्यालय में सुबह 11.30 बजे इसका डेमो दिया गया। इसमें बताया गया कि किस तरह इसके जरिए मूक-बधिर अनुवादक से जुड़कर इस सेवा का लाभ ले सकते हैं। इस संबंध में विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर प्रभा सोमवंशी ने बताया कि मूक-बधिरों को सुविधा मिले इसके लिए इसकी शुरुआत की जा रही है। इसके तहत सभी प्रमुख विभागों में क्यूआर कोड लगाए जाएंगे।
सभी कार्यालयों में लगेंगे क्यूआर कोड
लाइव इंटरप्रिटेशन सेवा में वृद्धि करते हुए यह पहल की जा रही है। इसके लिए डेफ कैन फाउंडेशन ने भी भूमिका निभाई है। इस सेवा के तहत प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में क्यूआर कोड (QR Code) लगाए जाएंगे।