- जगाया जोश – करीब 2 साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव में भी पार्टी अपना एकमात्र गढ़ छिंदवाड़ा को गंवा बैठी थी। पार्टी की ऐसी दुर्गति इससे पहले कभी नहीं हुई थी। जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, हेमंत कटारे आदि नेता बीजेपी को घेरने का हर जतन तो कर रहे हैं पर अभी बात बनते दिख नहीं रही है। ऐसे में राहुल गांधी का यह दौरा कांग्रेसियों को उत्साहित करने में कामयाब करता दिखता है। कार्यकर्ताओं का जोश सुबह एयरपोर्ट से लेकर शाम को रवीेंद्र भवन तक में नजर आया। ब्लॉक अध्यक्षों और जिला अध्यक्षों की जिम्मेदारी नई पीढ़ी को देने की राहुल गांधी की घोषणा के बाद आम कार्यकर्ताओं का उत्साह और बढ़ गया। रवींद्र भवन से बाहर निकलते कार्यकर्ता नई आशा और विश्वास से लबरेज नजर आए।
- संगठन सर्वोपरि– आरएसएस के कटु आलोचक राहुल गांधी अब उसी की तर्ज पर संगठन की महत्ता प्रतिपादित कर रहे हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा-नेताओं के चक्कर लगाना छोड़ दो। पार्टी अब जमीनी स्तर पर काम करेगी। लोकसभा व विधानसभा की टिकट भी ब्लॉक और जिला अध्यक्ष तय करेंगे। संगठन जिसे कहेगा, वह ही विधायक या सांसद बनने का दावेदार होगा।
- जीतना जरूरी– कांग्रेस को अब हर हाल में चुनावी जीत चाहिए। राहुल गांधी ने इसके लिए कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया- हमें लंगड़ा या शादी वाला घोड़ा नहीं, रेस का घोड़ा चाहिए।
- प्रदेश नेतृत्व पर भरोसा– सेमरिया के विधायक अभय मिश्रा ने वर्तमान नेतृत्व की काबिलियत पर सवाल उठाते हुए कह दिया कि अभी एक भी ऐसा चेहरा नहीं दिखता जो हमें चुनाव जिता सके। राहुल ने तुरंत इसका प्रतिवाद करते हुए कहा कि ऐसे 10 नेता मैैं गिना सकता हूं जिनमें चुनाव जिताने का माद्दा है। नेतृत्व पर यह भरोसा प्रदेश में पार्टी की आगे की राह कुछ आसान बना सकता है।
- जिला अध्यक्षों पर बड़ा दांव– कांग्रेस अब जिला अध्यक्षों को ज्यादा पावरफुल बना रही है। राहुल गांधी ने कहा- मैं मध्यप्रदेश में 55 नेता तलाश कर रहा हूं जोकि एमपी कांग्रेस का भविष्य बनेंगे।
- बड़ी चूक- यह नहीं होता तो अच्छा था… पीसीसी कार्यालय के बाहर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते वक्त राहुल गांधी बड़ी चूक कर गए। वे तेजी से आए और जूते उतारे बिना फूल चढ़ाकर उतनी ही तेजी से लौट गए। देश की पूर्व पीएम और अपनी दादी के प्रति ऐसी भावहीनता हर किसी को अखर गई। ताक में बैठे भगवा दल ने भी इसे खूब भुनाया। प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से लेकर सीएम मोहन यादव तक ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को संस्कारों की दुहाई दे डाली। बीजेपी ने वीडियो जारी कर राहुल को घमंडी बता दिया।
- खुसरफुसर– राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे तो सबसे पहले पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी यानि पीएसी की बैठक ली। इसके सदस्य होने के बावजूद कमलनाथ के पुत्र पूर्व सांसद नकुलनाथ मीटिंग में नहीं आए। इसपर खुसरफुसर चालू हो गई है।
और अंत में…सभी को देना होगा जवाब
विधायक आरिफ मसूद ने पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में ऐसा सवाल उठाया जिसपर राहुल गांधी भी चौंक उठे। मसूद ने कहा कि संगठन को मजबूत करने और जिला अध्यक्षों का चुनाव जिन ऑब्जर्वर के बल पर की जा रही है वे ही भेदभाव करेंगे तो क्या होगा! राहुल गांधी ने इस बात को महत्वपूर्ण बताते हुए संगठन महामंत्री के. वेणुगोपाल से इसे नोट करने को कहा। यानि अब बड़े नेता भी कार्रवाई की जद में हैं, जवाब तो देना ही होगा।