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- डॉ. समीर शुक्ला
- डॉ. संजय सिसोदिया
- डॉ. तृप्ती वात्सल्य
- डॉ. दीपक
- डॉ. योगश्री चौबे
- डॉ. नम्रता
- डॉ. उमंग
- डॉ. रघवेन्द्र
पेट में रहता था दर्द
इस स्थिति में मरीज का भोजन पचने की जगह सीधे मल से बाहर निकल जाता था। यही नहीं पेट में हमेशा दर्द बना रहता था। इसके चलते वह ओपीडी पहुंचा। 44 वर्षीय मरीज ने बताया कि रोग के चलते 6 हफ्ते में 10 किलो से अधिक वजन भी घट गया था। ऐसे में वो इलाज के लिए हमीदिया पहुंचा था। जहां जी आई एंडोस्कोपी जांच और और बायोप्सी की गई। इसमें सामने आया कि एक बड़ा गैस्ट्रो कोलिक फिस्टुला पेट के ग्रेटर करवेचर हिस्से में है।
तीन घंटे चली सर्जरी
यह ऑपरेशन(Hamidia Hospital) सर्जरी विभाग के प्राध्यापक डॉ. समीर शुक्ला के निर्देशन में हुआ। डॉ. शुक्ला ने बताया कि सर्जरी तीन घंटे चली। इसमें कैंसर से संक्रमित पेट को पूरी तरह से और बड़ी आंत के सिर्फ प्रभावित हिस्से को निकाला गया। इसके साथ छोटी आंत से दोबारा पेट बनाया गया। जिसे फूड पाइप और कैंसर से बची हुई बड़ी आंत से जोड़ा गया।