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केन्द्रीय भू-जल प्राधिकरण और मप्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार पानी दूषित होने की वजह पुरानी सीवेज लाइन और तालाब में अनट्रीटेट वाटर छोडना है। शहर के उन इलाकों जहां बहुमंजिला इमारतें और आलीशान मकान वहां का भूजल पीने के लायक नहीं हैं। यहां के पानी में खतरनाक बैक्टीरिया मिले हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने अरेरा कॉलोनी स्थित पर्यावरण परिसर और पुराना शहर स्थित इब्राहिमगंज में भूजल के नमूने लिए थे। जांच रिपोर्ट में जो बैक्टीरिया मिले हैं वे सीवेज के कारण पनपते हैं। पानी में नाइट्रेट और भारी धातुएं (लोहा और मैंगनीज) भी तय सीमा से अधिक पायी गयी हैं।
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केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण ने भूजल स्तर की जांच के लिए शहर में 83 स्थानों के नमूने लिए। जिसमें भूजल में गिरावट पाई गयी है।
राजधानी के कई इलाकों के ग्राउंड वॉटर की जांच की गई है। पीसीबी समय-समय पर नमूने लेता रहता है। इसमें पानी में अशुद्धि पाई गई है। ये शहर के सभी इलाकों में है। ब्रजेश शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड