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कर्रेगुट्टा में जवानों के सामने हर कदम पर था खतरा, फिर भी नक्सलियों का बेस तबाह कर लौटे, समर्पण और धैर्य की बने मिसाल बता दें कि इस अभियान में सुरक्षा बलों ने कुर्रेगु्ट्टा की पहाड़ी पर 21 दिनों तक चले ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को मार गिराया था। यहां बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जवानों ने अदम्य साहस और समर्पण के साथ इस ऑपरेशन को सफल बनाया है। गलगम और कुरेगुट्टा का क्षेत्र लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ माना जाता रहा है और इस अभियान ने इस इलाके को सुरक्षित बनाने की दिशा में नई उम्मीद जगाई है। मुख्यमंत्री ने हेलीकाप्टर से कुर्रेगु्ट्टा की दुर्गम पहाडि़यों को भी देखा।
मुलेर में कैंप खुलने से पहुंचीं बुनियादी सुविधाएं नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बनाने सबसे पहला कैम्प मूलेर में खोला गया था। आज मूलेर समेत आसपास के गांव में राशन की सुविधा, बिजली, स्वास्थ्य, स्कूल, मोबाइल टॉवर जैसी सुविधाएं इसी कैंप के सुरक्षा की छत्रछाया में मिलने लगी हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी., डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षा बलों के जवान उपस्थित थे।
स्पेशल प्रोजेक्ट नक्सल पीड़ित को स्वीकृति पत्र ग्रामीण हितग्राहियों से भी सीएम ने मुलाकात की और उन्हें राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड का वितरण करते हुए पीएम आवास योजनांतर्गत स्पेशल प्रोजेक्ट नक्सल पीड़ित व आत्मसमर्पित परिवारों को स्वीकृति पत्र प्रदान किया। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि सरकार क्षेत्र में विकास कार्यों को और अधिक तेज गति से करेगी साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगी। इस मौके पर पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने जवानों द्वारा किए जा रहे सिविक एक्शन को सराहा।