घटना से फैसला तक: 19 महीने की न्याय यात्रा 22 अगस्त 2023 (मध्यरात्रि): बच्ची के साथ दुष्कर्म, 23 अगस्त: मामला दर्ज, 24 अगस्त: आरोपी अब्बास अली गिरफ्तार, 26 अगस्त: पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया, 4 जून 2025: पोक्सो कोर्ट का फैसला, 20 साल की सजा।
न्यायिक कार्रवाई में तेजी विशिष्ट लोक अभियोजक चतुर्भुज सारस्वत ने राज्य की ओर से पैरवी की। 16 गवाहों के बयान और 19 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए। वरिष्ठ अधिवक्ता वसीम मकसूद ने पीड़िता की ओर से पैरवी की। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 363, 366 और पोक्सो एक्ट की विभिन्न धाराएं लगाई गईं।
संकल्प बना नजीर बीकानेर की तत्कालीन एसपी तेजस्वनी गौतम बताती हैं…”जब यह मामला सामने आया, मैं भीतर से हिल गई। मेरी टीम और मैंने संकल्प लिया कि पीड़िता को हर हाल में न्याय दिलाना है। पुलिस और अभियोजन के सामंजस्य से 48 घंटे में चालान और 19 महीने में सजा संभव हो सकी।”
ऐसे चली जांच घटना ने पूरे पुलिस महकमे को झकझोर कर दिया। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने जांच तत्कालीन सीओ सिटी व वर्तमान सीओ नोखा हिमांशु शर्मा को सौंपी। मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया। मुक्ताप्रसाद थानाधिकारी धीरेन्द्र सिंह शेखावत को केस ऑफिसर नियुक्त किया गया। पुलिस ने महज 48 घंटे में जांच-पड़ताल कर कोर्ट में चालान पेश कर दिया। पुलिस ने 48 घंटे के भीतर आरोपी को पकड़ने के साथ-साथ पीडि़ता नाबालिग होने के कारण परिजनों और पड़ोसियों के बयान लिए। जांच-पड़ताल पूरी कर कोर्ट में चालान तक पेश कर दिया।
यह है मामला मुक्ताप्रसाद नगर थाना इलाके में रहने वाली पांच वर्षीय बच्ची के परिजन घर से बाहर गए हुए थे। वापस घर लौटे, तो बच्ची गायब थी। तलाश करने पर वह बदहवास हालत में मिली। उसे अस्पताल ले जाया गया। घटना के बाद आरोपी अब्बास अली भाग गया। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर आरोपी को पकड़ लिया था।