थानाधिकारी लखबीर सिंह के अनुसार, खींयाराम अपने बेटे के साथ बकरियां चराने के लिए गोविंदसर गांव की रोही में गया था। खेत में बनी पानी की डिग्गी से विक्रम ने पानी पीने की कोशिश की, लेकिन पैर फिसलने से वह डिग्गी में गिर गया। पास में बैठे पिता खींयाराम ने बेटे की चीख सुनी और उसे बचाने डिग्गी में कूद गया, लेकिन दोनों को तैरना नहीं आता था। डिग्गी में पानी अधिक था। नतीजतन दोनों की डूबने से मौत हो गई।
मोबाइल और चप्पलें बनीं सुराग, ग्रामीणों ने दी सूचना
घटना का पता उस समय चला, जब खेत के पास से गुजर रहे ग्रामीणों ने डिग्गी किनारे चप्पलें और मोबाइल देखा। संदेह होने पर गोविंदसर निवासी खेतपाल सिंह और अन्य ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। एएसआई जय सिंह टीम सहित मौके पर पहुंचे और गोताखोर रमन की मदद से करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद दोनों शव बाहर निकाले गए। पुलिस ने शवों को कोलायत अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। गांव में घटना के बाद शोक का माहौल है।
बीठनोक में मातम, परिवार और मोहल्ला स्तब्ध
जैसे ही यह खबर बीठनोक के वार्ड नंबर आठ पहुंची, खींयाराम के घर में कोहराम मच गया। पूरे मोहल्ले में शोक और स्तब्धता का माहौल है। रिश्तेदार और जान-पहचान वाले परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।