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बीकानेर

पूजा प्रकरण ने बदल डाला सिविल सर्विसेज परीक्षा आवेदन प्रोफॉर्मा

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने इस साल सिविल सर्विसेज परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन प्रोफॉर्मा में अभ्यर्थी से बारीक से बारीक जानकारी मांगी है। खासकर पूजा खेडकर मामले में ओबीसी नॉन क्रिमिलियर और डिस एबिलिटी छूट को लेकर उजागर खामियाें से जुड़ी जानकारियां शामिल की गई हैं।

बीकानेरJan 29, 2025 / 01:25 pm

dinesh kumar swami

दिनेश कुमार स्वामी @ बीकानेर. बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर प्रकरण में सामने आए यूपीएससी चयन प्रक्रिया के लूज पोल अब बंद करने की कोशिश की गई है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने इस साल सिविल सर्विसेज परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन प्रोफॉर्मा में अभ्यर्थी से बारीक से बारीक जानकारी मांगी है। खासकर पूजा खेडकर मामले में ओबीसी नॉन क्रिमिलियर और डिस एबिलिटी छूट को लेकर उजागर खामियाें से जुड़ी जानकारियां शामिल की गई हैं। सिविल सर्विसेज के अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन में माता-पिता की सम्पत्ति से लेकर वार्षिक आय, नौकरी और कारोबार की विस्तृत जानकारी देनी होगी।
मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार से पहले जो जानकारी और डॉक्यूमेंट देने होते थे, इनमें से कुछ अब प्रीलिम्स परीक्षा के आवेदन के साथ देने होंगे। यूपीएससी ने ऑनलाइन आवेदन 11 फरवरी तक मांगे हैं। इस परीक्षा में दस लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होते हैं। अभ्यर्थी आवेदन करने के लम्बे-चौड़े प्रोफॉर्मा के अनुसार अपने माता-पिता से जानकारी जुटा रहे हैं, जिसे वे ऑनलाइन आवेदन में भरेंगे। सिविल सर्विसेज के लिए नए अभ्यर्थी को वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) करना पड़ेगा। इसके बाद डिटेल आवेदन फॉर्म के तीन पार्ट और भरने पड़ेंगे।


चार पार्ट में आवेदन

पार्ट-1. ओटीआर प्रोफाइल यानी वन टाइम रजिस्टेशन से संबंधित।
पार्ट- 2. एप्लीकेशन प्रोफाइल से संबंधित जानकारी देनी होगी।
पार्ट-3. डिटेल एप्लीकेशन फार्म पहले प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर मुख्य परीक्षा से पहले देना होता था। डेफ-1 भरवाया जाता था। मेन पास कर लेने के बाद डेफ-2 भरवाते थे। यह शुरुआत में ही देना होगा।
पार्ट-4. फीस, परीक्षा केन्द्र, हस्ताक्षर, फोटो आदि की जानकारी देनी होगी।


यूपीएससी ऑनलाइन फार्म में यह बदलाव


स्टेज-1
ओटीआर: हर जानकारी दो बार फीड करनी होगी
-10वीं और 12वीं की मार्कशीट का नाम। यदि नाम बदला गया है, तो पुराना भी बताना होगा। जन्म तिथि सहित हर ब्यौरा दो-दो बार फीड करना होगा। जैसे माता-पिता का नाम भरने के बाद उसे दुबारा वेरीफाई करना। लिंग, मोबाइल और ई मेल आईडी देनी होगी।
स्टेज-2
रजिस्ट्रेशन के बाद यह जानकारी भी देनी होगी
– पर्सनल इन्फोर्मेशन: नागरिकता, जन्म स्थल, राज्य, शहर, वर्ग, आरक्षित श्रेणी, फोटो आईडी कार्ड, वैवाहिक स्टेटस बताना होगा।
– एड्रेस इन्फोर्मेशन: निवास स्थल, एरिया कोड, मकान नम्बर, मोबाइल नम्बर आदि भरना होगा।
– फोटो व साइन: थ्री बाई फोर फेस दिखना चाहिए। फोटो पर तारीख और नाम लिखा होगा। आवेदन से दस दिन से ज्यादा पुरानी फोटो न हो। जैसा फोटो अपलोड करेंगे, वैसे ही दिखना चाहिए। मसलन क्लीन शेव हैं, तो परीक्षा देने और साक्षात्कार के समय भी वैसे ही जाना होगा।
– डॉक्यूमेंट: 10वीं और 12वीं की मार्कशीट तथा ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट अपलोड करने होंगे। अंक, सीजीपीए, स्कूल का नाम समेत डिटेल जानकारी भरनी होगी।


माता-पिता की हर जानकारी देनी होगी

– माता-पिता की नागरिकता, प्रोफेशन, निवास, नौकरी में हैं तो क्या पोजिशन है, वार्षिक आय कितनी है। किस राज्य के मूल निवासी हैं, यह भी बताना होगा। सम्पत्ति में कृषि भूमि, व्यावसायिक भूमि, आवासीय भूखण्ड या मकान, उसका साइज, दो या दो से अधिक भूखण्ड हैं, तो उनकी जानकारी। भूखण्ड निकाय से अधिकृत है अथवा नहीं। इन सब से ईडब्ल्यूएस की पात्रता का पता चल जाएगा। यूपीएससी अब केवल सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं कर खुद के स्तर पर भी इससे क्रॉस चेक करेगा।


खुद की नौकरी या प्रोफेशन की जानकारी


– अभी नौकरी कर रहे हैं, पहले कोई नौकरी या काम किया, कोई बिजनेस या व्यवसाय है, तो उसकी जानकारी।
– यूपीएससी इन्फोर्मेशन: इसमें पहले यूपीएससी में कोई एग्जाम दिया है, तो उसकी जानकारी।
– अतिरिक्त गतिविधि: खेल, हॉबी, कोई एचीवमेंट, स्कूल-कॉलेज की उपलब्धि हासिल की है, तो वह जानकारी देनी होगी।


पॉलिसी में यह बड़ा बदलाव


यूपीएससी ने हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें पहले प्रीलिम्स परीक्षा पास करने के बाद ग्रुेजएशन मार्कशीट प्रस्तुत करने की व्यवस्था को अब मुख्य परीक्षा तक बढ़ा दिया है। यानी ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा तक शामिल हो सकेंगे। पहले प्रीलिम्स परीक्षा के लिए आवेदन में कोई डोक्यूमेंट नहीं मांगते थे। अब शुरुआती आवेदन में ही कुछ डोक्यूमेंट अपलोड करने होंगे। जन्म तिथि एक बार फॉर्म में भरने के बाद उसमें बदलाव का कोई मौका नहीं मिलेगा।
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सेल्फ डिक्लेरेशन की अच्छी शुरुआत

मेरे विचार से फ्रेश एन्ट्री ट्रांसपरेंसी बनाए रखने के लिए यूपीएससी ने कुछ बदलाव किए है। इनमें से अधिकांश जानकारियों का वेरीफिकेशन चयन के बाद जांच के दौरान किया जाता था। अब सिविल सर्विसेज जैसी जिम्मेदार पोस्ट पर जाने की इच्छा रखने वाले से यह सेल्फ डिक्लेरेशन लिया जा रहा है। पारदर्शिता के लिहाज से भी यह अच्छा है और अभ्यर्थी को खुद जानकारी देने से बचना भी नहीं चाहिए। सब कुछ सामने तो होना ही चाहिए, जिससे कोई संदेह नहीं रहे।
– एसएस बिस्सा, सेवानिवृत आईएएस एवं सीनियर ऑनरेरी फेलो ओटीएस जयपुर
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