इसलिए पड़ी जरूरत
केन्द्र सरकार ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की केन्द्रीकृत ई-चालान व्यवस्था में राज्य पुलिस की ओर से किए जा रहे ऑफलाइन चालान प्रदर्शित नहीं होने पर नाराजगी जताई। इसके बाद यातायात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (जयपुर) सुरेन्द्र सिंह ने एक परिपत्र जारी कर प्रदेश के समस्त रेंज महानिरीक्षकों से जिलों में मोटर वाहन अधिनियम के तहत किए जाने वाले सभी चालान को ऑनलाइन करने और ऑफलाइन चालान किया है, तो उसे मैनुअली अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। ऑफलाइन किए चालान केन्द्रीयकृत ई-चालान प्रणाली में प्रदर्शित नहीं होने से सही डाटा का मिलान नहीं हो पा रहा है।यह होगा फायदा
1- रसूखात दिखाकर चालान से बच नहीं सकेंगे।2- चालान का जुर्माना अदा करना ही होगा।
3- चालान जमा नहीं कराने तक वह पेंडिंग बताता रहेगा।
4- चालान से सरकार को राजस्व आय अच्छी होगी।
5- फर्जी चालान और चोरी पर अंकुश लगेगा।
6- ई-चालान वाहन चालक ई-मित्र, बैंक, कोर्ट, ऑनलाइन पेमेंट गैजेट से भर सकेंगे।
7- वाहन चालकों को ई-चालान जमा कराने के लिए लाइन में लगना नहीं पड़ेगा।
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चालान नहीं भरने पर होगी सख्ती
नई प्रणाली के तहत, उल्लंघन के तीन दिनों के भीतर एक ई-चालान का नोटिस भेजा जाएगा, जिसमें 30 दिनों के भीतर भुगतान या विरोध करना होगा। 90 दिनों के भीतर कार्रवाई न करने पर बकाया राशि का भुगतान होने तक ड्राइवर का लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र निलंबित कर दिया जाएगा।Success Story : राजस्थान कैडर को 7 महिला IAS अफसर मिलीं, जिन्होंने कड़ी मेहनत से बदली अपनी किस्मत
दो कार्मिकों की ड्यूटी लगाई
मोटर वाहन अधिनियम के तहत होने वाले सभी चालान ऑनलाइन करने के निर्देश मिले हैं। 90 प्रतिशत चालान ऑनलाइन ही कर रहे हैं। 10 प्रतिशत ऑफलाइन करने पड़ते हैं, जिन्हें उसी दिन केन्द्रीकृत ई-चालान प्रणाली में दर्ज किया जा रहा है। इसके लिए दो कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है। ऑनलाइन चालान व्यवस्था यातायात नियमों की पालना कराने के लिए बेहतर है। अब उल्लंघन करने वाले को चालान भरना ही पड़ेगा।नरेश निर्वाण, यातायात प्रभारी