आमतौर पर बारिश में डायरिया की बीमारी सामने आती है, क्योंकि इस दौरान लीकेज पाइप नलों के माध्यम से बारिश का गंदा पानी पेयजल के लिए में घरों तक पहुंचता है। उसे पीने से लोग उल्टी-दस्त के शिकार होने लगते हैं। इस बार शहर में बारिश का मौसमय शुरू होने पहले ही इस बीमारी ने अपनी दस्तक दे दी है।
शहर के ठेठाडबरी इलाके में एक साथ 28
डायरिया मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित हो गया है। 17 से ज्यादा मरीजों का इलाज सिम्स, जिला अस्पताल सहित अन्य निजी अस्पतालों में चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इस क्षेत्र में सप्लाई होने वाला पेयजल अशुद्ध है। इसी दूषित जल के सेवन से लोग उल्टी-दस्त जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
बजबजाती नालियों से गुजरी पाइपलाइन
क्षेत्रवासियों का कहना है कि पेयजल सप्लाई वाली पाइप लाइनें जगह-जगह फूट गई हैं। ये पाइप लाइनें बजबजाती नालियों से होकर गुजरी हैं। यही वजह है कि उनके घरों तक पहुंचने वाला पेयजल प्रदूषित रहता हे। वैकल्पिक पानी के स्रोत नहीं हैं, जिससे वे मजबूरी में यही पानी उपयोग कर रहे हैं। परिणामस्वरूप डायरिया का खतरा बढ़ने लगा है।
शहर के ठेठा डबरी इलाके में डायरिया के मरीज मिलने के बाद वहां स्वास्थ्य शिविर लगा दिया गया है। मरीजों की जांच कर उन्हें दवाएं दी जा रही हैं। जो अस्पताल में भर्ती करने लायक हैं, उन्हें सिम्स या जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। बीमारी की मुख्य वजह प्रदूषित पेयजल ही है। इसके लिए नगर निगम प्रशासन को जानकारी दे दी गई है। स्थिति काबू में हैं। लोग पानी उबाल कर, छान की पीएं। – डॉ. प्रमोद तिवारीसीएमएचओ बिलासपुर।