scriptCancer पीड़ित बच्चे की मौत! फिर निगम ने तोड़ा घर, कलेक्टोरेट में हंगामा, जानें पूरा मामला… | Cancer-stricken child dies! Then the corporation | Patrika News
बिलासपुर

Cancer पीड़ित बच्चे की मौत! फिर निगम ने तोड़ा घर, कलेक्टोरेट में हंगामा, जानें पूरा मामला…

Bilaspur News: शुक्रवार को एक कैंसर से पीड़ित 6 साल के बालक अंशुल की मौत हो गई। परिजन कार्रवाई के बीच हुई मौत से नाराज होकर शव लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे, जहां जमकर हंगामा हुआ।

बिलासपुरMay 31, 2025 / 04:38 pm

Shradha Jaiswal

Cancer पीड़ित बच्चे की मौत! फिर निगम ने तोड़ा घर, कलेक्टोरेट में हंगामा(photo-unsplash)

Cancer पीड़ित बच्चे की मौत! फिर निगम ने तोड़ा घर, कलेक्टोरेट में हंगामा(photo-unsplash)

Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में नगर निगम द्वारा अपोलो हॉस्पिटल से लेकर रपटा पुल तक सड़क चौड़ीकरण के लिए इन दिनों लिंगियाडीह-चिंगराजपारा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इसी बीच शुक्रवार को एक कैंसर से पीड़ित 6 साल के बालक अंशुल की मौत हो गई।

संबंधित खबरें

परिजन कार्रवाई के बीच हुई मौत से नाराज होकर शव लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे, जहां जमकर हंगामा हुआ। अंशुल के पिता संतोष यादव ने आरोप लगाया कि इलाज के लिए जब वे रायपुर गए थे, उसी दौरान नगर निगम ने उनके लिंगियाडीह-चिंगराजपारा स्थित मकान पर बुलडोजर चला दिया।
ये भी पढ़ें: CG Crime News: पत्नी पर चाकू से जानलेवा हमला, पीड़िता अब भी गंभीर, फरार आरोपी गिरफ्तार

Bilaspur News: इलाज के लिए रायपुर गए थे माता पिता

परिजनों का कहना है कि उन्होंने निगम अधिकारियों से फोन पर निवेदन किया था कि बीमार बेटे का इलाज कराकर लौटने तक मकान न तोड़ा जाए, लेकिन अधिकारियों ने मानवीयता को ताक पर रखकर मकान जमींदोज कर दिया।
शुक्रवार सुबह परिजन जब अंशुल का शव लेकर एम्बुलेंस से लिंगियाडीह स्थित मलबे के पास पहुंचे, तो मोहल्ले में भारी गुस्सा फूट पड़ा। देखते ही देखते लोग एम्बुलेंस के साथ सड़क पर उतर आए और शव लेकर कलेक्टोरेट कूच कर गए। पूरे रास्ते में ट्रैफिक बाधित रहा, लेकिन न तो पुलिस दिखी और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी।

रसूखदारों पर कार्रवाई नहीं, गरीबों पर कहर

कलेक्टोरेट पहुंच लोगों ने आरोप लगाया कि नगर निगम रसूखदारों के अवैध निर्माणों को ऐसे ही छोड़ देता है, लेकिन गरीबों के आशियानों पर बुलडोजर चलाने से नहीं चूकता। कलेक्टोरेट के बाहर लगे नारों में यही सवाल गूंजता रहा, ‘गरीबों का घर तोड़ोगे, तो गुस्सा भी झेलना पड़ेगा।’ अधिकारियों की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।

पूरे सिस्टम की संवेदनहीनता उजागर

कैंसर से जूझ रहे अंशुल के इलाज के लिए कलेक्टर के पास पहुंचे थे, लेकिन मदद नहीं मिली। अब जब बच्चा इस दुनिया में नहीं रहा, तब पूरे सिस्टम की संवेदनहीनता उजागर हो गई। बीमार बच्चे का इलाज कराने गए वार्डवासी का घर निगम ने तोड़ दिया। यह गलत है।

Hindi News / Bilaspur / Cancer पीड़ित बच्चे की मौत! फिर निगम ने तोड़ा घर, कलेक्टोरेट में हंगामा, जानें पूरा मामला…

ट्रेंडिंग वीडियो