CG Fraud News: साइबर क्राइम..
वहीं, साइबर ठगी से जुड़े करीब 97 लाख रुपए फ्रीज किए गए हैं। आरोपियों में एक पी.ओ.एस.एजेंट (फर्जी सिम कार्ड विक्रेता) और कोटक महिंद्रा व एक्सिस बैंक के कर्मचारी भी शामिल हैं। दिल्ली, अलवर (राजस्थान) और अन्य स्थानों पर साइबर ठगों को 300 से अधिक फर्जी बैंक अकाउंट व सिम कार्ड उपलब्ध कराए गए थे।
साइबर क्राइम पोर्टल से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने संदिग्ध खातों की पहचान कर पीड़ितों से संपर्क किया। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर 100 से अधिक पुलिसकर्मियों की टीम ने छापेमारी कर बड़ी सफलता हासिल की। पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी ताकि पीड़ितों की रकम वापस कराई जा सके।
क्या होता है मनी म्यूल?
एएसपी राजेंद्र जायसवाल ने बताया कि मनी म्यूल वह व्यक्ति होता है जिसके बैंक अकाउंट, डिजिटल वॉलेट या अन्य वित्तीय माध्यमों का उपयोग साइबर अपराधी ठगी की रकम को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। ये लोग लालच, धोखे या दबाव में आकर अपने खातों का उपयोग अवैध लेन-देन में कराते हैं। इससे अपराधियों की पहचान छिपी रहती है और पैसों का ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है। कानूनन, मनी म्यूल बनना भी अपराध है।
ये आरोपी गिरफ्तार..
सत्यनारायण पटेल, राकेश भेड़पाल , दुर्गेश केंवट , राजकुमार पाल, सुरेश सिंह (सभी सेंदरी बिलासपुर निवासी), शिवशंकर यादव, दीपेश कुमार निर्मलकर (तारबाहर बिलासपुर निवासी), नंदकुमार केंवट, रामलाल यादव, अमित पाल ग्राम खैरा मस्तुरी निवासी, अब्दुल रशिद, मुख्तार खान तालापारा निवासी, दिपांशु साहू, अमन तिवारी कोटा निवासी, शेखर चतुर्थी शुभम विहार मंगला बिलासपुर, रोशन कुमार साहू लिमतरा, थाना सक्ती, कुनाल मंडावी बलौदाबाजार, प्रथम सोनी पुरानी बस्ती, करगीरोड कोटा और गुज्जला जगदीश कुमार हेमूनगर तोरवा बिलासपुर। बिलासपुर के एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल ने कहा की यदि आप अपने बैंक खाते को सर्विस चार्ज के बदले बेचते हैं या किसी को उपयोग करने देते हैं, तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। चाहे आप इसे जानबूझकर करें या अनजाने में। साइबर अपराधी ठगी की रकम आपके खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। आपको लग सकता है कि यह इनाम, निवेश का मुनाफा या किसी स्कीम का लाभ है, लेकिन यह धन विवादित हो सकता है। ऐसे मामलों में आपका खाता फ्रीज हो सकता है और आप कानूनी कार्रवाई के तहत आ सकते हैं।