scriptनाबालिग के अपहरण व यौन शोषण मामले में 20 साल की जेल, कोर्ट ने कहा- गवाही विश्वसनीय हो तो अन्य साक्ष्यों की जरूरत नहीं… | CG News: 20 years imprisonment in case of kidnapping and sexual exploitation of a minor | Patrika News
बिलासपुर

नाबालिग के अपहरण व यौन शोषण मामले में 20 साल की जेल, कोर्ट ने कहा- गवाही विश्वसनीय हो तो अन्य साक्ष्यों की जरूरत नहीं…

CG News: नाबालिग के अपहरण व यौन शोषण मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि पीड़िता की गवाही निष्कलंक, भरोसेमंद और स्पष्ट हो, तो उसे अन्य साक्ष्यों से पुष्ट करने की आवश्यकता नहीं होती।

बिलासपुरApr 01, 2025 / 09:24 am

Laxmi Vishwakarma

नाबालिग के अपहरण व यौन शोषण मामले में 20 साल की जेल, कोर्ट ने कहा- गवाही विश्वसनीय हो तो अन्य साक्ष्यों की जरूरत नहीं...
CG News: हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के अपहरण और यौन शोषण के मामले के दोषी की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए सजा में आंशिक संशोधन किया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि पीड़िता की गवाही स्पष्ट, सुसंगत और विश्वसनीय हो तो दोषसिद्धि के लिए अन्य साक्ष्यों की आवश्यकता नहीं होती।

CG News: आरोपी ने लड़की को ऐसे बनाया बंधक

कोर्ट ने आरोपी को दी गई आजीवन कारावास की सजा को 20 वर्षों के कठोर कारावास में बदल दिया। घटना 11 नवंबर 2021 की है, जब 13 वर्षीय नाबालिग लड़की अपने घर के बाहर खेल रही थी। उसी दौरान आरोपी राजेलाल मेरावी (27) जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई ने उसका अपहरण कर लिया।
अभियोजन के अनुसार आरोपी लड़की का मुंह दुपट्टे से बांधकर उसे जबरन अपने घर ले गया और वहां दो बार दुष्कर्म किया। अगली सुबह, पीड़िता को आरोपी के घर में डरा-सहमा पाया गया। पीड़िता के पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 342, 363, 376 आइपीसी और पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत मामला दर्ज किया गया।
यह भी पढ़ें

CG High Court: आपसी सहमति से सम्बन्ध यौन शोषण नहीं, हाई कोर्ट ने आरोपी को किया दोषमुक्त

सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लेख

CG News: राज्य सरकार की ओर से पैनल लायर नितांश जायसवाल ने तर्क दिया कि, पीड़िता की उम्र स्कूल के रिकॉर्ड और प्रधानाध्यापक की गवाही से स्पष्ट रूप से प्रमाणित हुई है। पीड़िता, उसकी मां और पिता की गवाही सुसंगत और पूरी तरह भरोसेमंद थी।
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया, जिनमें प्रमुख रूप से स्टेट आफ पंजाब वर्सेस गुरमित सिंह (1996) और गणेशन वर्सेस स्टेट (2020) शामिल थे। इन मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि पीड़िता की गवाही निष्कलंक, भरोसेमंद और स्पष्ट हो, तो उसे अन्य साक्ष्यों से पुष्ट करने की आवश्यकता नहीं होती।

Hindi News / Bilaspur / नाबालिग के अपहरण व यौन शोषण मामले में 20 साल की जेल, कोर्ट ने कहा- गवाही विश्वसनीय हो तो अन्य साक्ष्यों की जरूरत नहीं…

ट्रेंडिंग वीडियो