नई सरकार जेलों के सुधार की दिशा में काम करने को प्राथमिकता दे रही है। जेल डीजी हिमांशु गुप्ता ने हाल ही में प्रदेश की विभिन्न जेलों का निरीक्षण किया था। इसमें उन्होंने पाया कि जेलों की लाइब्रेरी में ये दोनों ही पुस्तकें नहीं हैं। इसके बाद जेल प्रबंधन ने इन दोनों पत्रिकाओं को सभी जेलों में कैदियों के लिए उपलब्ध कराए जाने की दिशा में काम शरू कर दिया। जेल प्रबंधन का मानना है कि इससे कैदियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी।
एक लाख से अधिक पुस्तकें पहले से उपलब्ध
छत्तीसगढ़ की जेलों में एक लाख से अधिक पुस्तकें पहले से ही उपलब्ध हैं। अब पांच्जन्य एवं ऑर्गनाइजर की उपलब्धता से कैदियों का ज्ञान और बढ़ेेगा। इन मैगजीनों के माध्यम से कैदी न केवल समसामयिक मुद्दों पर अपने विचारों को धार दे सकेंगे, बल्कि सनातन भारतीय संस्कृति और परंपराओं से भी परिचित होंगे।
कैदियों की सुधार की दिशा में अहम कदम
यह पहल जेलों में कैदियों के सुधार की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है। इससे कैदियों का मानसिक विकास होगा। कैदियों के जेलों से बाहर जाने के बाद उनके समाज में पुन: स्थापित होने की प्रक्रिया को भी ये प्रोत्साहित करेंगी। – हिमांशु गुप्ता, डीजीपी, जेल