शासकीय हाई स्कूल जरहाभाठा अंबिका साहू, रितेश्वरी चतुर्वेदी, संगीता यादव और सभी व्याख्याता गायब थे। यहां तक स्कूल का लिपिक रितुपर्ण का अटेंडेस बुक में 29 मई 2025 से 17 जून 2025 तक हस्ताक्षर नहीं था। इसी तरह प्राथमिक शाला मंगला में यूआरसी वासुदेव पाण्डेय द्वारा सुबह 7.30 बजे औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान
स्कूल बंद था।
वहीं प्रधान पाठक, शिक्षक और शिक्षिकाएं अनुपस्थित थे। शिक्षकों की इस लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी ने इन सभी शिक्षकों को नोटिस जारी कर 3 दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। वर्ही शिक्षकों के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर उनका एक दिन का वेतन काटने की कार्यवाही की जाएगी।
छात्रों को बांटी पुस्तकें
निरीक्षण केदौरान शास.उ.मा.शाला सिरगिट्टी में शासन द्वारा दी गई नि:शुल्क पुस्तकों की स्क्रनिंग की गई। वहीं छात्रों को इन पुस्तकों का वितरण भी किया गया। इसके अलावा यूडाइस एवं अपार आईडी को समय में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
गांव के स्कूलों का हाल बदहाल
ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय स्कूलों का हाल तो सबसे बुरा है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों का गायब रहना आम बात है। इसकी शिकायत भी आएदिन होते रहती है। बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है।