यह भी पढ़ें: पत्रिका की 3 खबरों पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कहा- रिपोर्ट और तस्वीरें अधिकारियों के सुस्त और अकर्मण्य रवैये का प्रमाण बता दें कि लंबे समय तक प्रमोशन न मिलने पर शिक्षकों ने 2013 में सरकार से मांग की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 10 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान देने का ऐलान किया था। शिक्षकों के लगातार विरोध को देखते हुए सरकार ने एक साल बाद समतुल्य वेतनमान देने का निर्णय लिया, और इसके साथ ही क्रमोन्नति वेतनमान का आदेश रद्द कर दिया।
इसके बाद यह मामला ठंडा पड़ गया। हालांकि, इसी बीच शिक्षिका सोना साहू ने क्रमोन्नति वेतनमान के लिए याचिका दायर की थी, उनके पक्ष में आदेश हुआ। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिकाएं लगनी शुरू हो गईं।